विकास के नाम पर डकार गए करोड़ों रुपए, सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही किया गया

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विकास के नाम पर डकार गए करोड़ों रुपए, सिर्फ कागजी खानापूर्ति ही किया गया

कोरबा- पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम घुंचापुर, सखोदा, लालपुर व अन्य ग्राम से जुड़े सचिव और सरपंच ने मिलकर संबंधित ग्राम के विकास कार्यों के नाम पर शासन के लाखों रुपए का आहरण करते हुए मैदानी स्तर पर किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं कराया है। गुमराह करते हुए मद की राशि का दुरुपयोग किया गया है।

धांधली की शिकायत कलेक्टर से करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से सरपंच, सचिव ने मिलकर संबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं किए हैं। घुंचापुर बस्ती में 2022-2023 में नाली निर्माण होना था किन्तु खुदाई तक नहीं की गई और 8 लाख रुपए का आहरण कर लिया गया। खालपारा से लेकर अशरफ के घर तक सडक़ निर्माण की कागजी खानापूर्ति करते हुए 2,51,260 रुपए आहरण किया गया है। घुंचापुर स्कूल से मेन रोड तक सीसी रोड के लिए 1,59,160 रुपए निकाला गया। सार्वजनिक साफ-सफाई और शौचालय निर्माण के लिए 1 लाख रुपए आहरण किया लेकिन काम सिर्फ पन्नों में किया है। सरपंच की पत्नी इससे पहले सरपंच के पद पर पदस्थ थी। जांच होने पर करोड़ों रुपए का घोटाला उजागर होगा।

सडक़ निर्माण के लिए 19 लाख की लीपापोती

ग्राम सखोदा में सीसी रोड निर्माण कार्य में लीपापोती की गई है। घटिया क्वालिटी के मिट्टी, गिट्टी, बालू,मुरूम और सीमेंट का मिश्रण कर सडक़ निर्माण कराया गया है। लगभग डेढ़ साल पहले किया गया सडक़ निर्माण पूरी तरह से जर्जर है। सीमेंट की मात्रा अत्यधिक कम होने के कारण गिट्टी और बालू निकलने से सडक़ टूट रही है। जगह-जगह पर गिट्टी और बालू सडक़ निर्माण के नाम पर डंप कर दी गई है। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत घुंचापुर के ग्राम सखोदा सीसी रोड के अगल-बगल गिट्टी और बालू को फेंक दिया गया है, रिटर्निंग वॉल के कार्य र्में खानापूर्ति हुई है, जिसकी स्वीकृति राशि 19 लाख रुपए दर्शित है। रिटर्निंग वॉल पूरी तरह से जर्जर है, भ्रष्टाचार किया गया है। स्कूल जर्जर है।

ग्राम सखोदा में पीने योग्य जल की किल्लत है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें पीने का पानी 1 किलो मीटर दूर लेने जाना होता है। एक ही बोर को खुदवाने के नाम पर 4 बार मद की राशि का आहरण कर लगभग ढाई लाख रुपए डकार लिया गया। ग्रामीण उसी बोर का उपयोग कर रहे हैं जिससे लगभग 5 घंटे में एक घड़ा भरता है। बिजली, आवास, स्कूल की सुविधा से वंचित हैं। स्कूल पूरी तरहे जर्जर है और जानवरों का वास है। बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर है। सरपंच, सचिव ने स्कूल के मद राशि का भी आहरण कर स्कूल निर्माण नहीं कराया। शासन का लाभ सरपंच रति मिंज और सचिव हसन खान ग्रामीणों तक नहीं पहुंचा रहे हैं। ग्रामवासी शासन-प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं।

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