वनविहार भोपाल से दो बाघ शावक को कान्हा टायगर रिजर्व लाया गया

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वनविहार भोपाल से दो बाघ शावक को कान्हा टायगर रिजर्व लाया गया

मध्यप्रदेश मंडला – कान्हा टाईगर रिजर्व का बाघ रिवाइल्डिंग कार्यक्रम वन्यप्राणी संरक्षण का सफल उदाहरण है। दो नये बाघ शावक इस प्रक्रिया हेतु वनविहार भोपाल से कान्हा नेशनल पार्क के रिवाइल्डिंग सेंटर घोरेला लाये गये। शावको कीं उम्र 3-4 माह कीं है। इनको रातापानी अभ्यारण से इनकी मां एवं एक शावक थे, मृत्यु के बाद रेस्क्यू किया गया था। रातापानी अभ्यारण एवं वनविहार के रेस्क्यू किये जाने पर उन्हें कमजोर एवं भोजन की कमी के कारण कुपोषित पाये जाने पर वनविहार में 15 से 17 दिवस तक रखा गया। इस दौरान उपचार एवं पोषाण आहर उपलब्ध होने से इनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर घोरेला बाघ रिवाईल्डिंग सेंटर में बाघ शावकों को दो से ढाई वर्ष तक रखकर रिवाल्डिंग हेतु निर्धारित शासन की गाईडलाईन के अनुसार देख-रेख की जावेगी एवं बाघ शावकों के व्यवहार का अध्ययन किया जावेगा, अध्ययन उपरांत विशेषज्ञों की राय के अनुसार स्वतंत्र वन क्षेत्र में छोड़ा जायेगा।

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