राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जवाहर नगर वार्ड में निकाली गई जनजागरूकता रैली

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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जवाहर नगर वार्ड में निकाली गई जनजागरूकता रैली

अधिकारी-कर्मचारियों सहित नर्सिंग छात्राओं और मितानिनों-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं गणमान्य नागरिकों ने लिया हिस्सा

जगदलपुर- राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर गुरुवार को कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न विभागों के समन्वय से जगदलपुर शहर के जवाहर नगर वार्ड में जनजागरूकता रैली निकाली गई और डेंगू मलेरिया से बचाव एवं उपचार के प्रति सतर्कता बरतने की अपील नागरिकों से की गई। इस जनजागरूकता रैली में जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों सहित नर्सिंग छात्राओं और मितानिनों-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर एवं गणमान्य नागरिकों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

इस मौके पर कला जत्था दल द्वारा नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर डेंगू मलेरिया से बचाव के उपाय एवं उपचार सम्बन्धी प्रेरक सन्देश दिया गया। साथ ही मितानिनों द्वारा नाटक प्रस्तुत कर डेंगू मलेरिया से बचाव सम्बन्धी सन्देश दिया गया। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आरके चतुर्वेदी एवं एसडीएम श्री भरत कौशिक द्वारा उपस्थित सभी लोगों को डेंगू मलेरिया से बचाव हेतु अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखने,घर में कूलर, पुराने टायर, गमले इत्यादि में पानी जमा नहीं होने देने, मच्छरों के पनपने वाले स्रोतों को नष्ट करने के साथ ही सोने के दौरान मच्छरदानी का अनिवार्य रूप से उपयोग करने का संकल्प दिलाया गया। इस मौके पर नागरिकों को डेंगू मलेरिया से बचाव सम्बन्धी पेम्पलेट-ब्रोसर वितरित किया गया।

डेंगू मलेरिया से बचाव ही है उपचार

इस दौरान नागरिकों को अवगत कराया गया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया वेक्टर जनित रोग है। संक्रमित मादा एडिस मच्छर के काटने से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में रोग संक्रमण होता है। मादा एडिस मच्छर डेंगू एवं चिकनगुनिया वायरस का वाहक है जो कि घर में तथा घर के आसपास जमा हुआ साफ पानी में पनपता है। यह मच्छर दिन में काटती है। संक्रमित एडिस मच्छर के अंडे भी संक्रमित होते हैं और पानी के संपर्क में आने पर यह अंडा विकसित होकर संक्रमित मच्छर बन सकते हैं। डेंगू रोग के मुख्य लक्षण ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार आना,सिर और मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना,आँखों के पिछले भाग में दर्द होना,जी-मितलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुंह तथा मसूड़ों से खून आना तथा त्वचा पर चकते उभरना है।

डेंगू मलेरिया से प्रभावित होने की स्थिति में तत्काल निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला चिकित्सालय या मेडिकल कालेज अस्पताल में डेंगू मलेरिया की जांच के साथ ही उपचार करवा सकते हैं। डेंगू रोगी के उपचार एवं प्रबंधन की दिशा में डेंगू बुखार हेतु कोई दवा विशेष रूप में प्रभावी नहीं है। रोगी को लक्षण अनुसार उपचार दिया जावे। रोगी को बेड रेस्ट की सलाह दिया जावे। बुखार कम करने हेतु एंटीपायरेटिक जैसे कि पैरासिटामोल का उपयोग किया जावे। दर्द निवारक दवाइयों के उपयोग हेतु चिकित्सक की सलाह अनिवार्यतः ली जावे। रोगी को पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करने हेतु सलाह दी जावे। डेंगू रोग के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।

यह मच्छर साफ पानी जैसे कि गमला, कूलर, टंकी, फ्रीज-ट्रे, अनुपयोगी बर्तन, नारियल खोल, पशु-पक्षी के पानी पीने का बर्तन, अनुपयोगी वाहन आदि में जमा पानी में पनपते हैं अतएव पानी जमा होने न देवें। पानी संग्रहण बर्तनों को सप्ताह में एक बार अच्छी तरह साफ करें एवं पानी संग्रहण पश्चात बर्तनों को ढक कर रखें। शरीर को पूरी तरह ढकने वाले पोशाक पहनें और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। घरों के आसपास पानी जमा होने वाले वस्तुओं जैसे नारियल के खोल, पुराने टायर, डिस्पोजेबल बर्तन, टूटे-फूटे बर्तन आदि को नष्ट किया जाए। समुदाय की सक्रिय सहभागिता से ही डेंगू के संक्रमण को रोकथाम किया जा सकता है।

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