Monday, October 20, 2025

ऑनलाइन गेमिंग को लेकर केंद्र सरकार सख्त, पूरे देश में एक कानून लाने की तैयारी

Must Read
Getting your Trinity Audio player ready...

केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव करने जा रही है. देश भर में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एकल नियामक ढांचे में लाने की योजना बनाई जा रही है. जिससे राज्यों में लागू अलग-अलग कानूनों को समाप्त किया जा सके. गृह मंत्रालय ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए एक समिति बनाई है, जिसे इस मामले से जुड़े दो लोगों ने बताया है. गृह मंत्रालय के अधिकारी, कानूनी और नीति विशेषज्ञ और गेमिंग उद्योग के कार्यकारी. शुरुआती चरण में, समिति ने विचार किया कि क्या एक नया कानून बनाया जाना चाहिए या नहीं. जो लंबे समय से विवादित मुद्दा है, जो गेमिंग (कौशल आधारित खेल) और जुआ (संयोग आधारित खेल) के बीच अंतर को स्पष्ट करे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग को “कौशल का खेल” और जुआ को “संयोग का खेल” करार दिया है.

गेमिंग क्षेत्र में राज्य-स्तरीय नियम असमंजस पैदा करते हैं क्योंकि गेम खेलने वाले केवल एक राज्य में नहीं, बल्कि विभिन्न राज्यों में अन्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. अगर पूरे देश के लिए एकल कानून लागू किया जाता है, तो यह विदेशी निवेशकों को वापस ला सकता है, लेकिन पिछले दो वर्षों में नियामकीय अनिश्चितताओं के कारण गेमिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश में 90 से अधिक की गिरावट आई है.

नए कानून की आवश्यकता

सरकार इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा सकता है. एक अधिकारी ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग ने विदेशी निवेशों को आकर्षित करने के लिए कई प्रस्तुतियाँ दी हैं, जो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एकल कानून को महत्वपूर्ण मानते हैं. यह कानून भी भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) को विदेशी कंपनियों पर नकेल कसने में मदद करेगा, जो अब तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्व-नियामक निकाय ढांचे से संभव नहीं हो सका है.

एक तकनीकी और गेमिंग कानून विशेषज्ञ, ने कहा कि इस तरह का एकीकृत कानून गेमिंग उद्योग को राहत देगा, जो अब तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सख्त नियमों के माध्यम से भारत का गेमिंग उद्योग अवैध ऑनलाइन जुआ संचालकों को नियंत्रित कर सकता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इस नियामक प्रक्रिया को कितनी स्पष्टता के साथ लागू करती है.

सट्टेबाजी ने बढ़ाई चिंता

सरकार भी एकीकृत ढांचा लागू करना चाहती है दो महत्वपूर्ण कारणों से. पहला, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कराधान की स्पष्टता की जरूरत है क्योंकि इन कंपनियों ने 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर 18 मार्च से सुनवाई शुरू होगी. दूसरा, सरकार को विदेशी कंपनियों की गतिविधियों पर चिंता है, जो ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की पेशकश कर रही हैं.

Latest News

Dhanteras 2025 : उत्सव के बीच खरीदी का तांता, सोना-चांदी और कारों की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी

Dhanteras 2025 :  धनतेरस पर देशभर में खरीदी का नया रिकॉर्ड बना। इस साल लगभग 1 लाख करोड़ रुपये...

More Articles Like This