हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम चुनावों को रद्द कर देंगे’
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए 6 घंटे के उत्सव के दौरान शांति बनाए रखने में असमर्थ लोग निर्वाचित प्रतिनिधित्व के लायक नहीं हैं. कहा कि जहां लोग 6 घंटे शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते,वहां अभी वोट कराने की जरूरत नहीं है.
हाईकोर्ट ने चुनाव रद्द करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उत्सव के दौरान शांति बनाए रखने में असमर्थ लोग निर्वाचित प्रतिनिधित्व के लायक नहीं हैं. बता दें कि 17 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के दौरान बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई झड़पों में कम से कम 19 लोग घायल हो गए थे.
कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने कहा कि इलाके में 4 मई और 13 मई को होने वाले लोकसभा चुनावों को रद्द किया जाना चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम चुनावों को रद्द कर देंगे अगर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो संप्रदायों के लोग इस तरह लड़ रहे हैं, तो उन्हें चुनाव की आवश्यकता नहीं है.
दरअसल, पीठ ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसमें मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और शक्तिपुर में हिंसा की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की गई थी. शक्तिपुर इलाके में यह हिंसा रामनवमी जुलूस के एक स्थानीय मस्जिद से गुजरने के तुरंत बाद हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे.