अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक ही नहीं देश के पहले कानून मंत्री भी थे – सपन देवांगन

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अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक ही नहीं देश के पहले कानून मंत्री भी थे – सपन देवांगन

बाबा साहब ने शिक्षित बनो , संगठित रहो और संघर्ष करो ‘ का मंत्र दिया।
सपन देवांगन

जगदलपुर – आज विधि प्रकोष्ठ बस्तर द्वारा संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ.भीमराव रामजी अंबेडकर की 133 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सपन देवांगन ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक ही नहीं देश के पहले कानून मंत्री भी थे । यदि संविधान नहीं लिखा गया होता तो आज भी ऊंच-नीच के खाई , अच्छी शिक्षा , स्वास्थ्य , समता , स्वतंत्रता व आपसी भाईचारा से नहीं रह पाते । बाबा साहब ने विश्व के सबसे बड़े भारतीय संविधान की रचना की , जिससे हम सभी अपने मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों से अवगत हुए ।बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है, तभी देश आगे बढ़ेगा । संविधान के बदौलत ही आज इस रूप में भारत देश दिखाई दे रहा है । बाबा साहब ने शिक्षित बनो , संगठित रहो और संघर्ष करो ‘ का मंत्र दिया ।

अधिवक्ता प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष झरना बांगर ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर दलित समुदाय के एक अत्यंत साधारण परिवार में जन्मे विलक्षण प्रतिभा के धनी महापुरुष थे । उन्होंने संविधान का निर्माण कर आजाद भारत में लोकतंत्र की नींव रखी । नरेंद्र पाणिग्राही ने कहा कि देश में आज पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक जितने भी जनप्रतिनिधि हैं , वो बाबासाहेब के इसी संविधान के की बदौलत है ।

कार्यक्रम में विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सपन देवांगन, झंरना बांगर, कृष्णकुमार सिंह, गणेश दहिया, नरेंद्र पाणिग्राही, विपिन मालवीय, विक्की प्रधान, अमित प्रधान सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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