किस पर होगा अपराध पंजीबद्ध और कौन जायेगा जेल? क्या मोहन भी?

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किस पर होगा अपराध पंजीबद्ध और कौन जायेगा जेल? क्या मोहन भी?

रायपुर – फर्जी रकबा पंजीयन कर धान बिक्री करने के मामले की शिकायत पर जल्द कार्यवाही होने की संभावना नजर आ रही है। इस मामले मे जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि जांच वृहद होने के कारण समय अत्यधिक लग गया लेकिन जांच कार्रवाई अंतिम चरण पर है, जल्द ही मामले की रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

पूरा मामला छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का है जहां नियमों को ताक पर रखते हुए कई समितियों में खरीदी प्रभारियों ने मिलकर फर्जी रकबा पंजीयन कर धान बिक्री किया था जिसकी शिकायत कलेक्टर को प्राप्त हुई थी। शिकायत प्राप्त होने के बाद सक्ती जिले के तत्कालीन कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना के द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रथम दृष्टिया खरीदी प्रभारियों एवं खरीदी से संबंधित कर्मचारियों की भूमिका को संदेहास्पद प्रतीत होना माना था जिस पर संज्ञान लेते हुए जांच करने आदेश दिया था।

चूंकि मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने के लिए कलेक्टर द्वारा विगत 6 माह पूर्व आदेश जारी किया गया था लेकिन जांच अब तक लंबित है। 6 माह तक जांच पूरी नहीं होने पर भी जांच अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

इस पूरे मामले की जांच को लेकर कलेक्टर द्वारा 6 सदस्यों की टीम गठित कर जांच रिपोर्ट सौंपने जिम्मेदारी दी गई थी जिसमें सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं सक्ती, संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, वरिष्ठ कृषि अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी, खाद्य निरीक्षक और सहायक प्रोग्रामर जिला विपणन कार्यालय सक्ती को शामिल किया गया था।

इस पूरे मामले में सक्ती जिले के सहायक नोडल अधिकारी माहेश्वरी तिवारी से संपर्क कर जानकारी चाहने पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मामला बृहद था, जांच प्रक्रियाधीन में है, जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी।

FIR दर्ज कर जेल भेजने की हो सकती है कार्रवाई?

फर्जी रकबा के आधार पर पंजीयन कर धान बिक्री कर शासन को लाखों करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचने वाले लोगों के खिलाफ जांच तो शुरू हो चुकी है। पूरा मामला दस्तावेजीय प्रमाण है जो कि ऑनलाइन दर्ज है, इसलिए दस्तावेजों के प्रमाण होने के कारण संबंधित मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए जेल भेजने की भी कार्रवाई होने की संभावना नजर आ रही है? हालांकि अधिकारियों के द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा की इस पूरे मामले में आखिरकार दोषी कौन है और किसको जानी पड़ सकती है जेल?

मोहन भी जाएगा जेल?

फर्जी रकबा पंजीयन के मामले में धान खरीदी केंद्र अमलडीहा के पूर्व खरीदी प्रभारी मोहन पटेल के खिलाफ भी कलेक्टर से लिखित शिकायत हुई थी जिसमें मोहन पटेल के द्वारा अपने नाम पर फर्जी रकबा पंजीयन कर लगभग 270 क्विंटल धान की बिक्री कर शासन को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान पहुंचाया था जिसका प्रमाण दस्तावेज ही कर रहा है। इस मामले कि भी जांच करने कलेक्टर द्वारा आदेश दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही मोहन पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और जेल भी जाना पड़ सकता है।

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