अवैध ईंट कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने अधिकारी दे रहें गोलमोल जवाब

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Officials are giving vague answers to take action against illegal brick traders

जैजैपुर:– जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत सेंदरी के सोन नदी किनारे अवैध लाल ईंट का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। जिसकी मौखिक शिकायत एवं विभिन्न अखबारों में खबर प्रकाशन होने के बाद भी राजस्व विभाग एवं खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई करने के बजाय गोल मोल जवाब देकर कार्रवाई करने से कन्नी काट रहे हैं। तो वहीं राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी तहसीलदार हसौद ने बताया कि मौके पर अवैध रूप से लाल ईंट का कारोबार चल रहा है।

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सभी कारोबारियों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया था जिसमें से एक व्यक्ति ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि मेरा पीएम आवास आबंटन हुआ है जिसके लिए मैं ईंट बना रहा हूँ। बाकी कारोबारियों ने तहसीलदार के नोटिस का कोई जवाब नही दिया है बावजूद इसके तहसीलदार ने अग्रिम कार्रवाई नही किया जिसके फलस्वरूप तहसीलदार के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए अपने अवैध कारोबार को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं।

खनिज अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब

सेंदरी में चल रहे अवैध ईंट कारोबार मामले में जिला खनिज ने कहा कि सभी अवैध ईंट कारोबारियों को जुर्माना लगाने की बात कही है लेकिन अभी तक किस कारोबारी को कितना जुर्माना पटाना है इसके बारे में कुछ भी नही बताया है।इससे साफ पता चलता है कि इन अवैध ईंट कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से खनिज अधिकारी के हाथ कांप रहे हैं। आखिर जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी गलत पाए जाने के बाद भी कार्रवाई क्यों नही कर पा रहे हैं ये एक बड़ा सवाल बना हुआ है? कहीं जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में यह अवैध ईंट का काला कारोबार तो नही चल रहा है?

जिला प्रशासन अवैध कारोबारियों के आगे नतमस्तक

सक्ति जिले को बने महज डेढ़ वर्ष बीतने को है लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई देखने को नही मिला है। केवल खानापूर्ति के लिए छोटी मोटी कार्रवाई कर अपने जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लेते हैं।इस बीच पहले कांग्रेस की सरकार थी तब भी यही हाल है और अभी बीजेपी की सरकार बनने के बाद भी यही हाल है। ऐसे में आम जनता किस पर भरोसा करे ये भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है? चाहे वो राखड़ का मामला हो, या भू माफिया का मामला हो, चाहे रेत माफिया का मामला हो या ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री का मामला हो,बेहतर स्वास्थ्य का मामला हो बेहतर शिक्षा का मामला हो डोलोमाइट उत्खनन,परिवहन एवं क्षमता से अधिक भंडारण का मामला हो राजस्व विभाग का मामला हो,अन्य कई ऐसे मामले हैं जिसमें बकायदा शिकायत एवं खबर प्रकाशन होता है लेकिन जिम्मेदार जिला प्रशासन कार्रवाई करने में आंखे मूंद लेता है। अभी वर्तमान में ओपन स्कूल 10 वी 12वी की परीक्षा चल रही है इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत छपोरा में खुलेआम नकल चल रहा था जिसका खबर संकलन के लिए गए पत्रकार पर नकल करवाने वालों ने मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दिया। तो वहीं पीड़ित पत्रकार ने न्याय पाने के लिए थाने में अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने गया तो पुलिसकर्मियों द्वारा उसी को परेशान कर पीड़िता को दबाव बनाकर उसी से माफीनामा लिखवा लिया । ऐसे में आप समझ सकते हैं कि इस जिले में एक पत्रकार सुरक्षित नही है तो आम जनता की बात ही अलग है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किस तरह निभा रहे हैं। जिला प्रशासन अवैध कारोबारियों के आगे नतमस्तक हो गए हैं।

आपके माध्यम से जानकारी मिली है और जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अमृत विकास टोपनो, कलेक्टर सक्ति

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