मनरेगा के पैसों का बंदरबाट मनरेगा के कार्य स्थल से रोजगार सहायिका रहती है गायब

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मनरेगा के पैसों का बंदरबाट मनरेगा के कार्य स्थल से रोजगार सहायिका रहती है गायब

सरपंच पति व रोजगार सहायिका के मिलीभगत से शासन की लाखो रुपए की बंदरबाट

मनरेगा योजना के तहत सरकार गरीब जनताओ को पलायन से रोकने व गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण योजना चलाई जाती हैं मगर इस योजना का लाभ केवल कागजी तौर पर गरीब जनताओं को मिल पाता है, जिसका जीता जागता उदाहरण सक्ति जिला मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर सक्ति ब्लॉक के ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में देखने को मिल रहा है जहा पर मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी योजना का काम बेल्हाडीह के आश्रित ग्राम रानीगांव में चल रहा है जहा पर रोजगार गारंटी के कार्य में भारी मात्रा मे भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है आपको बता दें कि यहां पर पिछले कुछ दिनों से तालाब में गहरीकरण का काम किया जा रहा है जिसमे नाम मात्रा की खुदाई की गई है वही मौके से रोजगार सहायिका हमेशा गायब रहती है और रोजगार गारंटी की हजारी को सरपंच पति गंगाधर रात्रे व उनके चहेतो द्वारा भारा जाता है वही इनकी मनमानी चरम सीमा पर रहती है अपने मन से अपने चहेतो की हजारी डालकर पैसों की बंदरबाट करते हैं

रोजगार गारंटी योजना के कार्य में रोजगार सहायिका मौके से रहती है नदारद

रोजगार गारंटी योजना के तहत हो रहे रोजगार सहायिका की अहम भूमिका होती है जो सभी कार्यों का देखरेख करती है और मौके पर काम करने वालो की हजारी डालकर मजदूरों को लाभ दिलाने का काम करती हैं ,मगर हमे ग्रामिणो ने बताया कि ग्राम पंचायत बेल्हाडीह में सरपंच पति एवम रोजगार सहायिका नागेश्वरी साहू द्वारा बनाया गया अलग ही नियम चलता है जहां पर रोजगार सहायिक एवम सरपंच पति के इशारे पर उनके रशुखदार उनके खास खास लोग जो अन्य प्रदेश में रहते हैं एवम तालाब गहरीकरण के कार्य में नही जाते है उनकी हजारी डालकर उनसे पैसों की बंदरबाट करते है , ग्रामीणों ने बताया कि जिन्होंने वास्तविक में रोजगार गारंटी का कार्य किया है उनका हजारी भी काम डाला गया है एवम पैसे भी काम डाला गया है , जबकि सरपंच पति व रोजगार सहायिका के खास लोगो के खाते में बिना काम किए ही पूरा दिन का हजारी एवम पूरा पैसा डालाकर ग्रामीणों के हक पर डाका डाला जा रहा है

बिना सूचना बोर्ड लगाए ही रोजगार गारंटी योजना का कार्य कर जनता व सरकार को गुमराह कर लाखो रुपए की भ्रष्टाचार

आपको बता दे की ग्राम पंचायत बेल्हाड़ीह में रोजगार गारंटी के तहत तालाब गाड़ी कारण का कार्य करवाया करवाया जा रहा है जिसमें बिना सूचना बोर्ड के ही काम शुरू कर खत्म कर दिया गया है जबकि शासन का साफ तौर से निर्देश रहता है कि कोई भी शासकीय कार्य करने से पहले सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है जिसमें कार्य दिनांक एवं कुल लागत राशि आदि अंकित रहता है मगर यहां अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे कहावत सही बैठती है

अन्य प्रदेश में काम कर रहे लोगो का मस्टरोल में भरा जा रहा है नाम

आपको बता दे की रोजगार सहायिका नागेश्वरी साहू द्वारा अपने पद का गलत तरीके से उपयोग करते हुए आपने निजी लाभ के लिए अपने चहेतो एवम अपने नजदीकियों को बिना काम कराए ही मस्टररोल में नाम डालकर फर्जी तरीके से पैसे को आहरण कर उसका बंदरबाट किया जा रहा है ग्रामीणों ने बताया कि काम करने वालो के खाते में पैसे आता नही और जो अन्य प्रदेश में है या जो रोजगार गारंटी योजना में काम नहीं करते उनके खाते में पैसे डालकर आपस में बाटा जाता है

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