विज्ञापन के जरिए लोगों को गुमराह करने के आरोप में पतंजलि को नोटिस

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विज्ञापन के जरिए लोगों को गुमराह करने के आरोप में पतंजलि को नोटिस

नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को “गुमराह करने वाले” विज्ञापनों को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। साथ ही पूछा कि आखिर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने साथ ही पतंजलि आयुर्वेद के स्वास्थ्य से संबंधित तमाम विज्ञापनों पर रोक लगा दी है, कंपनी आगे भी इस तरह के विज्ञापन नहीं कर सकेगी।

कंपनी के विज्ञापनों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालाकृष्णन को “गुमराह करने वाले” विज्ञापनों की पब्लिशिंग में शामिल रहने के लिए कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा है।

कंपनी के विज्ञापन कई मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाते हैं, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का मानना है कि गलत दावे के साथ विज्ञापन चलाए जाते हैं। अवमानना नोटिस का जवाब देने के लिए कोर्ट ने कंपनी और उनके मालिक बालाकृष्णन को तीन हफ्ते का समय दिया है।

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