कोरबा जिले में आम लोगों की है पीड़ा, जिंदगी और मौत दोनों पर लगा हुआ है दाव

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कोरबा जिले में आम लोगों की है पीड़ा, जिंदगी और मौत दोनों पर लगा हुआ है दाव

कोरबा – जिले वासियों को सड़को में फैले राखड़ से कब निजात मिल पाएगी। यह बात हर एक कोरबा वासियों के जुबान में आज बसा हुआ है। लोग राखड से त्राहिमाम त्राहिमाम हो रहे हैं, वही जिम्मेदार विभाग अपने एक एसी के कैमरे में बैठ कर मजा ले रहे हैं। शासन द्वारा दी गई लग्जरी गाड़ी से इस मार्ग में गुजर जरूर रहे हैं लेकिन बंद शीशे और एसी की हवा के कारण उन्हें कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है। यही कारण है कि आज भी अव्यवस्था कायम है और आप जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है।

इस मार्ग से होकर जाने वाले हर कोई अपने जान को हथेली पर लेकर चल रहे है। जिंदगी और मौत के साए में सफर कर रहे लोग न सिर्फ प्रशासन को कोस रहे हैं बल्कि अब सरकार के कार्यवाही पर भी सवाल उठाने लगे हैं। जिस तरह से प्रदेश के पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में लोगों ने राखड़ को लेकर त्राहिमाम त्राहिमाम किया था और इस राखड़ से मुक्ति पाने सरकार तो बदल डाली लेकिन राखड़ से उन्हें मुक्ति नहीं मिल सकी।

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संयंत्र संचालकों की मनमानी पहले भी जारी थी और अब भी जारी है सिर्फ ठेकेदार बदल गए पर काम वही जारी है। सड़कों पर राखड़ कहां नहीं दिख रहा है। जिले के हर मुख्य मार्ग, शहर के सभी एप्रोच मार्ग, हर जगह पर आपको राखड़ डंप किया हुआ, सड़को पर फैला हुआ नजर आ सकता है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के नजर अब भी इस ओर नहीं जा सके।

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हमारे द्वारा लगातार रिसदी बरबसपुर बायपास मार्ग की समस्या को दिखाया जा रहा है। इस मार्ग के दोनों तरफ राखड़ भर गए हैं, नकटीखर के पास कचंदी नाला में सबसे ज्यादा राखड़ दोनों तरफ फैली हुई है। ओवरलोड गाड़ी एवं खुली गाड़ी में परिवहन होने के कारण गाड़ियों से राखड़ लगातार गिरने लगे हैं जिसके कारण वहां पर राखड़ के गुब्बार उड़ने लगे हैं।

इस राखड़ के गुब्बार से बड़ी गाड़ियों के गुजरने के कारण आगे पीछे चलने वाले लोगों को कुछ भी नजर नहीं आता है जिसके कारण एक बड़ी दुर्घटना होने की संभावना है जिससे जनहानि का भी डर बना हुआ है। जिम्मेदार विभाग इस अव्यवस्था को लेकर सजग दिखाई नहीं दे रहे हैं यही कारण है कि लोगो की इस समस्या से उन्हें निजात नहीं मिल पा रही हैं।

सबसे बड़ी बात किसी के घर में हुई जनहानि की भरपाई ना तो प्रशासन कर सकती है और नहीं शासन। इसलिए समय रहते इस अव्यवस्था को ठीक करने की जरूरत है। समय रहते अगर अवस्था को ठीक नहीं किया जाता तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।

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