छत्तीसगढ़ का कुल कर्जभार पहुंचा एक लाख 4 हजार करोड़ के पार

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Chhattisgarh’s total debt burden crosses Rs 1 lakh 4 thousand crore

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की सरकार 1 जनवरी से अब तक 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। सरकार ने फिर 4 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के लिए रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) का दरवाजा खटखटाया है। इस 4 हजार करोड़ को शामिल कर दें तो 2 महीने में सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 13 हजार करोड़ रुपये पहुंच जाएगा, जबकि कुल कर्जभार एक लाख 4 हजार करोड़ हो जाएगा।

प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर सरकारी खजाना खाली करने का बार-बार आरोप लगा रही है। 5 साल तक प्रदेश की सत्‍ता में रही भूपेश बघेल के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार ने करीब 50 हजार करोड़ कर्ज लिया।

विधानसभा में चालू वित्‍तीय वर्ष (2023-24) का तृतीय अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन को बताया था कि 17 दिसंबर 2018 को राज्य पर कुल कर्ज 41 हजार 695 करोड़ रुपये था, जो बीते 5 वर्षों में बढ़कर दोगुना से अधिक हो गया है। राज्य पर 31 जनवरी 2024 की स्थिति में कुल 95,754 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें से 8,074 करोड़ रुपये जीएसटी ऋण और 5,696 करोड़ रुपये केन्द्र से पूंजीगत व्यय के लिए प्राप्त ऋण को कम करने पर वर्तमान में राज्य का शुद्ध कर्ज 81,984 करोड़ रुपये है जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 16.1 प्रतिशत है।

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