ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल ने परीक्षा के दिन बच्चो को किया बाहर, मां बाप होते रहे परेशान?

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Brilliant Public School expelled children on the day of examination, parents remained worried?

बिलासपुर: बिलासपुर में प्रायवेट स्कूल के ऊपर एक कहावत याद आ रही हैं जब सईया भय कोतवाल तो फिर डर काहे का । ये बात इस लिए बोली जा रही है की प्रायवेट स्कूल इस समय बिलासपुर में बहुत मनमानी तरीके से स्टूडेंट और पैरेंट्स से फीस के अलावा केसे पैसा निकलवाया जाए उसमे दिन रात नई नई पालिसी बना कर बड़ा ही बेशर्मी वाला खेल कर रहे हैं और प्रशासन ,शासन और साथ में जनप्रतिनिधि इन पर कार्यवाही न करके पूरा सपोर्ट करते नजर आ रहे हैं आप कितनी भी शिकायत प्रशासन से कर लो आपकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होगी तभी तो इन प्रायवेट स्कूल वालो के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं।

आज आपको बताते है की ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल ने क्या किया आज 11 वी क्लास के बच्चो का पेपर था सुबह सभी बच्चे अपनी अपनी तैयारी से स्कूल पहुंचे कुछ बस से पहुंचे कुछ के माता पिता अपने संसाधन से बच्चो को छोड़ने आए जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो उन्हें प्रबंधन ने बच्चो को आदेश दिया जिन बच्चो की उपस्थिति क्लास में पूरी रही वो ही परीक्षा में बैठ सकते बाकी के बच्चे जिनकी जितनी क्लास में उपस्थिति नही रही उसके हिसाब से उन्हे शुल्क पटाना पड़ेगा वो भी केश उसकी किसी भी प्रकार की रसीद नही दी जाएगी तभी उन बच्चो को परीक्षा में बैठने दिया जायेगा इन सब बातो से जिन बच्चो को परीक्षा से बाहर निकाला गया वो परेशान हो गए जो मां पिता के साथ आए थे उन्होंने जैसे तैसे करके बच्चो कोंपरीक्षा में शामिल करने के लिए मजबूरी में नगद राशि दी जिससे उनके बच्चे परीक्षा में शामिल हो सके लेकिन जो बच्चे स्कूल बस से आए वो परेशान हो गए सभी ने अपने घर कॉल करके बताया फिर माता पिता दौड़ते भागते स्कूल पहुंच कर अवैध रूप से लिया जा रहा शुल्क पटाया फिर कही जाकर बच्चो को परीक्षा में शामिल होने का मौका मिल पाया ये बाते आज ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल में पढ़ा रहे एक बच्चे के पैरेंटस ने जानकारी दी की इस प्रकार की स्कूल प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहा है।

क्या स्कूल प्रबंधक को इस प्रकार का पैसा लेने का अधिकार है कि जिन बच्चो की क्लास में जितनी कम उपस्थिति उन बच्चो से अलग पैसा लेकर उन्हे परीक्षा में बैठने दिया जाएं या जो पैसे स्कूल ले रहा है उसका उन्हे न तो रसीद दिया जायेगा और न ही आनलाइन कोई पैसा लिया जाएगा ।

क्या स्कूल शिक्षा विभाग इस पर संज्ञान लेगा या नजर अंदाज करके प्रायवेट स्कूल का स्पोर्ट करेगा और जन प्रतिनिधि भी कुछ करेंगे या शांत बैठकर सिर्फ चुनाव के समय वोट के लिए हाथ जोड़ते नजर आयेंगे।

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