आगजनी से बचाव के उपाय, ट्रेनों में लगे फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम
राजनांदगांव- ट्रेनों में आगजनी की घटना को रोकने रेलवे अलर्ट मोड में नजर आ रहा है। आगजनी की घटना से बचाव के लिए नई-नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। राजनांदगांव रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली 18 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनों में डवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाए गए हैं।
ट्रेनों में आग की धुआं उठते ही अलार्म बजेगा। वहीं इसकी सूचना रेलवे के अधिकारियों तक भी पहुंच जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी एसी कोच में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम के अंतर्गत लगभग 8.11 स्मोक सेंसर लगाए गए हैं, जो कोच के शौचालयों के गैंगवे एरिया और कोच के अंदर उपयुक्त स्थान पर लगे हैं।
स्मोक डिटेक्शन एक लूप में कंट्रोल माड्यूल से जुड़ा होता है। आग लगने की स्थिति में यह कंट्रोल माड्यूल आडियो विजुअल साउंड अलार्म, लाइट इंडिकेटर, प्रीलोडेड घोषणा के लिए पीए सिस्टम और ब्रेक का स्वचालित रूप से कार्यरत हो जाएगा। ट्रेन को रोककर और यात्रियों को सतर्क करने में मदद करता।
एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशनएवं हीट टाइप फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर आदि उपकरण लगाए गए हैं। ट्रेनों के पावर कार व पैंट्रीकार में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगने से आने वाले दिनों में ट्रेन के अंदर आग लगने से पहले ही फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से अलार्म बजने लगेगा। जिससे आग पर समय रहते काबू कर लिया जाएगा। धुंआए चिंगारी या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाएंगे।