महिला कर्मचारी ने अस्पताल के डॉक्टरों के साथ किया विवाद, जमकर हुई मारपीट

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Female employee had a dispute with the doctors of the hospital

कोरबा का मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल इन दिनों विवाद का अखाड़ा बन गया है। वाहन स्टैंड के कर्मचारियों की दबंगई के कारण अस्पताल में हर वक्त तनाव की स्थिती बनी रहती है। एक महिला कर्मचारी के द्वारा जबरन लोगों से विवाद किया जाता है। हद तो तब हो गई जब महिला कर्मचारी ने अस्पताल के डॉक्टरों के साथ विवाद करना शुरु कर दिया जिसके बाद मौके पर जमकर मारपीट हुई। इस मामले को अस्पताल प्रबंधन ने काफी गंभीरता से लिया है। ठेकेदार को मौके पर बुलाकर जमकर फटकार लगाई गई महिला कर्मचारी को काम से निकाल दिया गया।

वाहन स्टैंड का संचालन एक एनजीओं के माध्यम से होता है, जिसके द्वारा समाज सेवा के आड़ में अपनी निजी स्वार्थों की सिद्धी की जा रही है। ये तस्वीर किसी घर या फिर किसी संस्थान का नहीं है बल्की कोरबा के मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल का है जहां वाहन स्टैंड के कर्मचारी खुद को बड़ा गुंडा मानते है। अस्पताल के भीतर इनकी मनमानी की दास्तां काफी पुरानी है। कर्मचारियों के द्वारा लोगों से पैसों की अवैध वसूली तो की ही जाती है वहीं विवाद होने पर मारपीट की घटनाओं को भी अंजाम दिया जाता है। अस्पताल को विवाद का घर बनाने वाली स्टैंड में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी है जिसके द्वारा आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद किया जाता है और खुद के महिला होने का बेजा फायदा उठाया जाता है। अस्पताल में एक बार फिर से मारपीट हुई है। और ये मारपीट कोई छोटी या फिर बड़ी नहीं हैं महिला अस्पताल के डॉक्टर पर हाथ उठाया है वो डॉक्टर जो मरीजों के जीवन की रक्षा करते है। विवाद किस बात को लेकर हुआ इसका पता नहीं है लेकिन जो घटनाक्रम अस्पताल के अंदर हुआ वह क्षमाप्रिय नहीं है। महिला ने गाली गलौच करते हुए डॉक्टर के गिरेबान को पकड़ा और मारपीट की। फिर क्या था डॉक्टर ने भी अपना आपा खो दिया और महिला के साथ मारपीट करनी शुरु कर दी।

घटना की जानकारी जब अधिकारियों को लगी तब मौके पर पहुंचे और विवाद को शांत कराया। इसके बाद तलब किया वाहन स्टैंड के ठेकेदार को जिसे स्पष्ट शब्दों में समझाया गया,कि अस्पताल परिसर में शांति बनाए रखे,इसके बाद महिला कर्मचारी को भी काम से निकाल दिया गया। घटना के बाद डॉक्टरों का दल काफी आक्रोशित था और पुलिस कार्रवाई चाहता था लेकिन समझाईश देने के बाद सभी शांत हो गए। कोरबा का मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल पहले ऐसा नहीं था,यहां हमेशा शांति बनी रहती थी लेकिन जब से वाहन स्टैंड में महिला कर्मचारी की पदस्थापना हुई तबसे इसके द्वारा अस्पताल को विवाद का अड्डा बना डाला।

आपको बता दें,कि अस्पताल में वाहन स्टैंड का संचालन एक एनजीओ के द्वारा किया जाता है जिसकी आड़ में उसके द्वारा न जाने क्या कुछ किया जा रहा है। एनजीओ ने अपने शुरुआती दौर में जमकर समाजसेवा की लेकिन अब समाज सेवा की आड़ में उसके द्वारा अपने निजी स्वार्थों की सिद्धी की जा रही है। समाज सेवा से शुरु हुआ यह काम बढ़कर एक बड़े कारोबार का रुप ले चुका है।

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