जलाशय निर्माण में भ्रष्टाचार और मुआवजा के शिकायत पर उच्च स्तरीय जांच के आदेश , भ्रष्ट अधिकारियों हड़कंप…

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Orders for high level investigation on complaint of corruption and compensation in reservoir construction

रायपुर : करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी जल संसाधन संभाग कोरबा के उप संभाग कटघोरा क्रमांक -1 किसानों के खेतों तक खरीब फसल के लिए पानी पहुंचाने में नाकाम साबित हो रही है।

कोरबा जिला के पाली विकासखण्ड के अंतर्गत ” पिटनी नदी “लोटनापारा पर जलाशय का निर्माण करा रही है शासन द्वारा इस जलाशय निर्माण के लिए 11,33,73000 / रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इस जलाशय से लगभग 485 हेक्टेयर भूमि किसानों के खरीब फसल की नहर के माध्यम से सिचाई करने की योजना है,अभी तक जल संसाधन संभाग कटघोरा क्रमांक -1 के द्वारा मेसर्स एस. एस. यादव कंस्ट्रक्शन बिलासपुर से 2,40,98,624 / रुपये का और मेसर्स विशवकर्मा फेब्रीकेशन मनेन्द्रगढ़ से 3, 59,75,429 / – रुपये का ठेके के माध्यम से काम करवाया गया है ।

जलाशय निर्माण में गुणवत्ताहीन सामाग्री का उपयोग और काम करने का है आरोप..

शिकायत कर्ता की माने तो लोटनापारा जलाशय निर्माण में जल संसाधन विभाग द्वारा जितनी राशि खर्च किया है ,उतना मौके पर काम नहीं हुआ है। जलाशय के निर्माण में ठेकेदार और विभाग के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया है साथ ही हुए काम में भी घोर लापरवाही बरती गई है। जलाशय में गर्मी को तो छोड़ दीजिये बरसात में भी पानी नहीं होता है। नहर निर्माण में भी लापरवाही साफ़ साफ़ देखा जा सकता है सालों बित जाने के बाद भी अभी तक किसानों को अपने जमीन का मुआवजा तक नहीं मिला है।

शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत जल संसाधन के मुख्य सचिव से करते हुए उच्च स्तरीय जांच करने की और दोषीयों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई है। जिस पर उच्च स्तरीय जांच करने का आदेश विभाग के द्वारा जारी किया गया है अब देखने वाली बात है की जिम्मेदार जांच अधिकारी कब तक अपनी जांच पूरी कर पाते हैं?

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