Dhanetaars Yama Deepak 2023: Why do we light Yama’s lamp on the day of Dhanteras?
Dhanetars Yama Deepak 2023: देश में दीपावली (Diwali 2023) का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल दिवाली 12 नवंबर को है. क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के दिन (Dhanteras 2023) यम का दीपक जलाने का क्या महत्व है और यह दीपक क्यों जलाया जाता है.
हिंदू पंचाग के अनुसार, पांच दिनों तक चलने वाला दीवाली का पर्व धनतेरस के साथ आरंभ हो जाता है. धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा करने के साथ यमराज की पूजा करने का विधान है. इस दिन शाम के समय दक्षिण दिशा में एक चौमुखा दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहते हैं. इस पूजा में बस एक दीपक चलाया जाता है. घर की महिला दीपक को प्रवेश द्वार के बाहर जलाकर यमराज से कुशलता की प्रार्थना करती है. यमराज के लिए चार मुंह वाला दीपक साल में एक बार जलाया जाता है. मान्यता है कि साल में एक बार यमराज के नाम का दीपक जलाने से घर में उनकी कृपा होती है.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी पंडित प्रकाश जोशी ने कहा कि मान्यता है कि धनतेरस के दिन यमराज की पूजा भी की जाती है. इस दिन यम देवता की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. इस दिन यम देवता के लिए दीपदान करने का खास महत्व होता है. धनतेरस पर शुभता और सौभाग्य को पाने के लिए दीपदान करने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है. उन्होंने आगे कहा कि चौमुखी दीपक को दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए. इस दिशा के स्वामी यम हैं. दीपदान के बाद घर में सुख-शांति और आरोग्य का आशीर्वाद मांगना चाहिए.