कोरबा नगर निगम का यह कैसा स्वच्छता अभियान, कॉलोनी के कचरे को सड़क पर कर रहे डंप….
कोरबा – पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। केंद्र सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर एक बहुत बड़ी राशि भी खर्च कर रही है जिसके लिए टेंडर भी जारी हो रहे हैं। पंचायत से लेकर नगर पालिक निगम तक केंद्र सरकार द्वारा राशि का आवंटन किया जा रहा है जिसके माध्यम से स्वच्छता मिशन को सफल बनाया जा रहा है।
वहीं दूसरी तरफ नगर पालिक निगम कोरबा में एक ऐसा मामला सामने आया जहां इस स्वक्षता मिशन को ही कटघरे में खड़ी कर रही है। ताजा मामला आरपी नगर फेस 2 वार्ड क्रमांक 21 का है जहां सफाई कार्य ने लगे कर्मचारी कॉलोनी से एकत्रित कचरे को मुख्य मार्ग में डाल रहे है।
आप देख सकते हैं इस वीडियो में, जिसमें स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि एक रिक्से में कचरा भर कर लाया गया है और उसे मुख्य मार्ग के।किनारे खाली किया जा रहा है। इस कचरे की ढेर में सबसे ज्यादा प्लास्टिक दिखाई दे रहा है जिसे मवेशी और अन्य जीव जंतु खाने के लिए खड़े है।
सफाई कर्मचारी से पूछने पर थोड़ी देर में ट्रैक्टर से उठाने की बात कही जा रही है। कर्मचारी के कहे अनुसार मान लिया जाए कि थोड़ी देर में कचरे का उठाव ट्रैक्टर के माध्यम से कर दिया जाएगा। लेकिन क्या कचरे को उठाकर रोड किनारे इस तरह से खाली करना और दोबारा उसे लोड कर वापस सही जगह ले कर जाना आखिर कार कहा तक सही है? और क्या उक्त जगह पर गंदगी पूरी तरह से साफ हो जाएगी?
आपको बताना चाहूंगा कि यह क्षेत्र साडा का रिहायसी इलाका है जहां बड़ी संख्या में लोग निवास करते हैं और शाम के समय परिवार सहित इस रास्ते पर घूमते नजर आते हैं। कचरा फेंक देने के कारण प्रतिदिन इस जगह पर बहुत ही ज्यादा दुर्गंध आता है जिससे वातावरण भी दूषित हो रहा है। ऐसे में इस जगह पर गुजरने वाले हर किसी को अनावश्यक दुर्गंध के कारण परेशान होना पड़ता हैं।
अब सवाल यह है कि क्या इसी तरह नगर पालिक निगम कोरबा स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रही है? या फिर जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह होकर अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरत रही हैं? इस तरह कचरा फेंक देने से आम जनता को किस तरह की तकलीफें हो रही है यह तो स्पष्ट है। लेकिन इससे इस कार्य को करने वाले कर्मचारियों से लेकर ठेकेदार और अधिकारियों को क्या लाभ है यह तो वही बता सकते हैं?
अब देखना होगा कि नगर पालिका निगम कोरबा के जिम्मेदार अफसर इस मामले पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं और लोगों को इस समस्या से कब निजात मिल पाएगी।