हाई कोर्ट ने कहा, दस्तावेजों में भी नहीं होनी चाहिए दुष्कर्म पीड़िता की पहचान…
नई दिल्ली – यौन अपराधों के मामले में पीड़िता और उसके परिजनों की पहचान को गोपनीय बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट ने नई दिशा निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने निर्देश दिया है कि पीड़िता का नाम, माता-पिता और पता अदालत में पेश किए जाने वाले दस्तावेजों में भी शामिल नहीं किया जाए।
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उच्च न्यायालय ने महा रजिस्टर के माध्यम से जारी अपने व्यावहारिक दिशा निर्देशों में कहा कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री को यौन अपराध से संबंधित सभी दस्तावेज की सावधानी पूर्वक जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पीड़िता की पहचान व गोपनीयता सख्ती से कायम रहे। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने इस बारे में अप्रैल में फैसला सुनाया था, इसी फैसले के अनुपालन में यह निर्देश जारी किए गए हैं।