संस्था प्रबंधक सहित बैंक कर्मचारियों पर गिरी कार्रवाई की गाज, अब होगी एफआईआर?

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संस्था प्रबंधक सहित बैंक कर्मचारियों पर गिरी कार्रवाई की गाज, अब होगी एफआईआर?

जांजगीर चांपा – मृत व्यक्ति के नाम से फर्जी केसीसी लोन जारी कर आहरण करने के मामले में समिति प्रबंधक सहित जिला सहकारी बैंक चांपा के दो कैशियर और लिपिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा उप पंजीयक , सहकारी संस्थाएं जांजगीर चांपा ने की है।

सेवा सहकारी समिति सिवनी में मृत हो चुके व्यक्ति सागर सिंह के नाम पर 1,35,000 रुपए केसीसी लोन आहरण किया गया था, जिसकी शिकायत उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जांजगीर चांपा से की गई थी।मामले की गंभीरता को देखते हुए उप पंजीयक द्वारा इस मामले की जांच की जिम्मेदारी कार्यालय के अधिकारी देवेश चतुगोष्टी को सौंपी गई थी।

क्या गंभीर आरोप लगने के बाद भी बनाया जायेगा खरीदी प्रभारी?

जांच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता सहित समिति प्रबंधक व बैंक कर्मचारियों का बयान लिया गया, वहीं मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी खंगाले गए। जांच पूरी होने के पश्चात जांच अधिकारी ने पूरी रिपोर्ट उप पंजीयक के समक्ष प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया है कि सागर सिंह की मृत्यु 18 सितंबर 2021 में हो गई थी फिर भी मृत व्यक्ति के नाम पर वर्ष 2022 में केसीसी लोन सेवा सरकारी समिति सिवनी के प्रबंधक ललित देवांगन ने तैयार किया, इसलिए ललित देवांगन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

Chhattisgarh – मृत व्यक्ति के नाम पर 1 लाख 35 हजार का केसीसी लोन…….

इसी तरह मृत व्यक्ति सागर सिंह के नाम पर लोन की राशि आहरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले को- ऑपरेटिव बैंक चांपा के कैशियर खिखेन्द्र पटेल, अनुपमा तिवारी और लिपिक योगेश राठौर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है।

इस पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि जांच शुरू होते ही पूरे बैंक कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ था। इसी बीच स्वर्गीय सागर सिंह के चचेरे भाई जयमंगल सिंह ने उप पंजीयक कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराते हुए बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा चांपा की प्रबंधक रश्मि गुप्ता द्वारा उन पर दबाव डालकर विड्राल फॉर्म में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया जा रहा था और एफआईआर दर्ज करने की भी बात कही जा रही थी। हालांकि शाखा प्रबंधक रश्मि गुप्ता ने मीडिया के सामने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार है, उन्होंने यह भी कहा कि हमें जांच की जिम्मेदारी मिली थी जिस पर हम उसके घर बयान लेने गए थे।

अब सवाल यह है कि मृत व्यक्ति के नाम से जारी केसीसी लोन की राशि 1,35,000 रुपए आखिरकार किसने आहरण की और उस राशि का उपयोग किसने किया? हमारे द्वारा कल समाचार प्रकाशन करते हुए जांजगीर चांपा जिले से पृथक हुए नवीन जिला सक्ती में भी इसी तरह केसीसी लोन में बड़ा फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में लाया है जिसमें संस्था प्रबंधक महेत्तर साहू (खरीदी प्रभारी)द्वारा स्वयं के नाम से और अपनी पत्नी ललिता के नाम से फर्जी केसीसी लोन जारी किया है।

इसके अलावा और भी कई किसान है जिनका केसीसी लोग राशि पिछला बकाया होने के बाद भी नया केसीसी लोन दिया गया हैं और इस षडयंत्र में लाखों रुपए के फर्जी केसीसी लोन जारी कर वारे न्यारे कर दिए गए। पूरा मामला वर्ष 2017 – 18 और 2018 – 19 का है जिसकी सूक्ष्मता से जांच करने पर एक बड़े मामले पर कार्रवाई की जा सकती है। इस मामले में की गई शिकायत, दस्तावेजों और समाचार को स्वयं संज्ञान में लेते हुए जांच करने की आवश्यकता है।

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