क्या गंभीर आरोप लगने के बाद भी बनाया जायेगा खरीदी प्रभारी?

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क्या गंभीर आरोप लगने के बाद भी बनाया जायेगा खरीदी प्रभारी?

सक्ती – जांजगीर चांपा से पृथक हुए नवीन जिला सक्ती में धान खरीदी में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की स्वेच्छाचारिता नजर आ रही है, यही कारण है कि शिकायत होने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। नतीजा यह है कि भ्रष्टाचार करने वालों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं l

हम बात कर रहे हैं नवीन जिला सक्ती के धान खरीदी केंद्र सेवा सहकारी समिति मर्यादित, पतेरापाली पंजीयन क्रमांक 1842 की जहां महेत्तर साहू को खरीदी प्रभारी बनाया गया था। आपको बता दें खरीदी प्रभारी द्वारा अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए अपनों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। यही नहीं आठवीं पास शैक्षणिक योग्यता के साथ समिति में भर्ती हुए महेत्तर साहू को आखिरकार इतनी बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कैसे सौंपी गई है, यह भी अब सवालिए निशान पर आ गया है।

महेत्तर साहू द्वारा अपने पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए विधानसभा चुनाव 2018 के पूर्व कांग्रेस द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी बहुत बड़ा एजेंडा था। कांग्रेस ने किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था जिसका फायदा उठाते हुए महेत्तर साहू द्वारा कई ऐसे किसान जिन्होंने केसीसी लोन लेने के बाद भी नहीं पटाया था उन्हें दोबारा केसीसी लोन जारी कर दिया गया।

महेत्तर साहू द्वारा खरीदी प्रभारी रहते हुए खुद के नाम से महेत्तर पिता निरंजन के नाम से बकाया राशि 56160 रुपए होने के बावजूद वर्ष 2018 – 19 में केसीसी लोन 50000 रुपए, बीज के लिए 6660 रुपए, दवाई के लिए 17855 रुपए, खाद के लिए 57840 रुपए स्वीकृत की गई।

वहीं दूसरी तरफ अपनी स्वयं की पत्नी ललिता बाई पति महेत्तर के नाम से भी फर्जी रकबा के आधार पर केसीसी लोन जारी किया है जबकि पिछले वर्ष 74200 रुपए बकाया राशि होने के बाद भी वर्ष 2018 – 19 में केसीसी लोन 50000 रुपए, बीज के लिए 5550 रुपए, दवाई के लिए 2360 रुपए, खाद के लिए 29850 रुपए स्वीकृत की गई।

इन दस्तावेजों की होनी चाहिए जांच…

1.सेवा सहकारी समिति मर्यादित पतेरापाली वर्ष 2018-19 किसान फेहरिस्त सूची।

2. श्रीमती ललिता बाई पति महेत्तर द्वारा खरीदी वर्ष 2017- 18 एवम् 2018 – 19 में ली गई केसीसी लोन राशि की जांच।

3. श्रीमती ललिता बाई पति महेत्तर ग्राम पतेरापाली द्वारा केसीसी लोन लेने वर्ष 2017-18 एवं 2018 – 19 में दिए गए खसरा नंबर और कुल रकबा की राजस्व रिकार्ड से जांच।

4. श्री महेत्तर साहू पिता निरंजन द्वारा वर्ष 2017 – 18 और 2018 – 19 में ली गई केसीसी लोन की जांच।

चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए सभी किसानों के कर्ज को माफ कर दिया जिसका पूरा फायदा महेत्तर साहू, उसकी पत्नी सहित उन सभी चाहतों को मिल गया जिसके नाम से पूर्व में केसीसी लोन होने के बावजूद केसीसी लोन दिया गया था। इस तरह महेत्तर साहू द्वारा खुद को लाभ पहुंचाने के लिए शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाई है।

आपको बताना चाहूंगा कि इस मामले की लिखित शिकायत संयुक्त पंजीयक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर से की गई। शिकायत को 3 महीने बीत गए लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है ना ही शिकायतकर्ता को कार्रवाई के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

3 माह बीत जाने के बाद भी आखिरकार शिकायत पर क्यों करवाई नहीं हुई इस पर अब सवाल उठना लाजिमी है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने शिकायत संबंधी सारे दस्तावेज अपने शिकायत पत्र के साथ संलग्न किए थे जो महेत्तर साहू द्वारा किए गए फर्जीवाड़ा को स्पष्ट करता है, और दस्तावेजी प्रमाण होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मामले पर कार्रवाई नहीं करना उन्हें खुला संरक्षण देने के समान है।

सूत्रों की माने तो इस बार भी महेत्तर साहू को दोबारा पतेरापाली में खरीदी प्रभारी का जिम्मा देने की मंशा अधिकारियों द्वारा की जा रही है। इस तरह गंभीर आरोपों से गिरे समिति के खरीदी प्रभारी महेत्तर साहू के खिलाफ आखिरकार कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? क्या शाखा प्रबंधक से लेकर जिला नोडल अधिकारी, उप पंजीयक और संयुक्त पंजीयक का महेत्तर साहू को खुला संरक्षण प्राप्त है?

अब देखना होगा की शिकायत पर जिम्मेदार अधिकारी समाचार प्रकाशन के बाद क्या कार्रवाई करती है या फिर फर्जीवाड़ा में लिप्त गंभीर आरोपों से घिरे महेत्तर साहू को दोबारा खरीदी प्रभारी बना दिया जायेगा।

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