Lord Ganesha appeared in a female form : पहली बार भगवान गणेश स्त्री रूप में विराजे, इन्हें भगवान का विनायकी अवतार माना जाता है

Must Read

पहली बार भगवान गणेश स्त्री रूप में विराजे, इन्हें भगवान का विनायकी अवतार माना जाता है

बप्पा के अनेक रूप आपने देखे होंगे, लेकिन रायपुर में पहली बार भगवान गणेश स्त्री रूप में विराजे हैं। इन्हें भगवान का विनायकी अवतार माना जाता है। शिव पुराण में भी भगवान के इस स्वरूप का वर्णन है। गणेश जी की स्त्री स्वरूप इस मूर्ति को श्री भारतीय समाज की ओर से तात्यापारा चौक पर स्थापित किया गया है। भगवान के इस रूप को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

कथा के अनुसार, शिव जी की ही कृपा से उत्पन्न एक असुर अंधक ने कैलाश पर चढ़ाई कर दी | उसने देवी पार्वती को देखा और उन्हें जबरदस्ती पत्नी बनाने की कोशिश करने लगा। इस पर भगवान शिव ने उसे रोका और कई बार समझाया। लेकिन अंधक ने भगवान शिव पर ही हमला करने का प्रयास किया। यह देखकर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से अंधक पर वार कर दिया।

तब श्री गणेश ने लिया स्त्री स्वरूप

इन सभी शक्तियों ने मिलकर अंधकाओं को मार गिराया। इसके बाद भी अंधक का रक्त बहना जारी था। जिससे बार-बार अंधका उत्पन्न हो रही थी। उनकी बढ़ती संख्या और लगातार उत्पन्न होने पर माता पार्वती ने श्री गणेश की ओर देखा। गणेश जी मर्यादा के चलते स्त्री युद्ध में शामिल नहीं हो सकते थे। तब उन्होंने स्त्री अवतार धारण किया।

गज का सिर, स्त्री का शरीर धारण कर बने गजनिनि

भगवान श्री गणेश के इस नए अवतार देवी विनायकी की का सिर गज का और शरीर स्त्री का था। जिसके चलते उन्हें गजानिनि भी कहा गया। गजानिनी ने अपने सूंड से अंधक का सारा रक्त एक बार में खींच लिया और उसे जमीन पर गिरने ही नहीं दिया। इस तरह अंधक का अंत हुआ। इन सभी ने मिलकर अंधकाओं को मार गिराया।

Latest News

*नेशनल लोक अदालत: वृद्ध महिला और बेसहारा परिवार को मिला न्याय, लंबित प्रकरणों का सफल निपटारा*

कोरबा। 21 सितंबर 2024 को आयोजित हाइब्रिड नेशनल लोक अदालत में कई वर्षों से लंबित मामलों का सफल निपटारा...

More Articles Like This