Demand for election of NP President, contempt of court order
बिलाईगढ़। नपं में अध्यक्ष पद निर्वाचन को नए सिरे से करने का आदेश हाईकोर्ट ने जारी किया है किंतु इस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने से लोग नाराज एवं आक्रोशित देखा जा रहा है। नपं बिलाईगढ़ में डेढ़ साल से अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा हुआ है कार्यवाहक अध्यक्ष छ माह के लिए राज्य शासन से मनोनीत था, किंतु उनके द्वारा छग शासन के आदेश का खिलाफत करते हुए दो बार हाईकोर्ट बिलासपुर से स्थगन आदेश ले लिया गया था।
इस बार मा. हाईकोर्ट बिलासपुर ने अपने पूर्व के समस्त आदेशों को खारिज कर अध्यक्ष नपं बिलाईगढ़ के पद को भरने के लिए चुनाव प्रक्रिया नए सिरे से प्रारंभ करने हेतु आदेश पारित कर दिए जाने के एक माह उपरांत भी कोई कार्रवाई नहीं होने से न्यायालय के आदेशों का अवहेलना तो हो ही रहा है साथ ही स्थानीय शासन प्रशासन की भूमिका में भी सवालिया निशान उठ रहा है। इससे लोगों में भारी नाराजगी एवं आक्रोश भी देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक यहां का विकास कार्य पूरी तरह से प्रभावित है तथा नियम वृद्धि कार्यों को लगातार अंजाम देते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ के द्वारा भी जिला कलेक्टर सारंगढ़ एवं जिला निर्वाचन अधिकारी जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ को हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अविलंब आवश्यक कार्यवाही कर आयोग को तत्काल अवगत कराने का निर्देश भी दिया गया है। बावजूद इसके पखवाड़े भर बाद कार्यवाही सिफर होने से जिला एवं स्थानीय प्रशासन के ऊपर सवालिया निशान उठ रहा है।
नपं बिलाईगढ़ के पूर्व नपं अध्यक्ष द्वारका देवांगन, उपाध्यक्ष नरेश देवांगन, पार्षद कन्हैया खुटें, अनीता दिलीप दुबे, सियाराम कहार अमेरिका कहार व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, विधानसभा के जागरूक कार्यकर्ताओं ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए अविलंब चुनाव कराने की मांग किया है।