पहाड़ी कोरवा महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, परिजन कांवड़ में रखकर 6 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे अस्पताल, रास्ते में ही हो गई डिलीवरी, ऐसा हो रहा छत्तीसगढ़ का विकास?
रायपुर – छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से बड़ी खबर है जहां राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा महिला को प्रसव पीड़ा उपरांत किसी भी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। इसके बाद परिजनों ने प्रसव पीड़ा से तड़पती हुई महिला को कावड़ में भरकर 6 किलोमीटर पैदल टूटी फूटी सड़कों के सहारे महिला की जान को जोखिम में डालकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने के वक्त गर्भवती महिला का रास्ते में ही डिलीवरी हो गया। हालाकि सुखद बात यह रही कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। लेकिन इस घटना ने सरकार के उन सारे दावों को पोल खोल दिया जहां अंतिम छोर तक विकास की बात कही जाती है।
पूरी वाक्या जशपुर जिले के पत्थलगांव ब्लॉक अंतर्गत बालाझार गांव की है, जहां पहाड़ी कोरवा महिला को मंगलवार प्रसव पीड़ा हुई। पहाड़ी कोरवा महिला जिस गांव में रहती है उस गांव के सड़क की हालत बद से बत्तर हो चुकी है, जहां गाड़ियां नहीं चल सकती।
बीच में एक पुलिया बना था वह भी भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया जिसकी ना तो जिम्मेदार विभाग ने सुध ली और नहीं जिला प्रशासन ने। इसी का खामियाजा मंगलवार को एक ऐसे परिवार को झेलनी पड़ गई जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाते हैं। यहां तो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को लेकर सरकार द्वारा कई तरह के दावे किए जाते हैं और अंतिम छोर तक अपनी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का डंका भी पीटते रहते है लेकिन आज की इस घटना में सरकार के इन सारे दावों को पोल खोल दी।
दर्द से कहराती इस महिला को परिजनों के द्वारा मिट्टी ढुलाई करने वाली कावड़ से भरकर जान को जोखिम में डालकर उबड़ खाबड़ रास्ते में 6 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल लाया जा रहा था तभी बीच रास्ते में अस्पताल पहुंचने के पहले ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया जो अभी स्वस्थ है। फिलहाल महिला और बच्चे को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तमता में भर्ती कराया गया है जहां डॉक्टर की देखरेख में उनका उपचार किया जा रहा है और सतत निगरानी भी की जा रही है।