Liquor is being sold in the heart of Korba, common people face problems every day…
कोरबा – ऊर्जाधानी के हृदय स्थल कहे जाने वाले निहारिका चौक के बगल में मुख्य मार्ग पर अंग्रेजी एवं प्रीमियम शराब की दुकान संचालित है। शराब दुकान खुलते ही हर रोज भारी संख्या में खरीदने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। खरीददारों द्वारा सड़क में वाहनों को बेतरतीब तरीके से खड़ा कर दिया जाता है जिससे हर रोज यातायात में भारी दबाव बना रहता है।
रिहायशी क्षेत्र, अस्पताल, मेडिकल दुकान सहित जरूरतों की अन्य बड़ी संख्या में दुकान होने के कारण यहां दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है जिसमें बच्चे, महिलाएं एवं स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी शामिल है जिन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है। शराब के नशे में धुत लोग इनके साथ छीटा कसी जैसा बर्ताव भी करते हैं और तो और कई लोग सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं।
यातायात में भारी दबाव होने के कारण इस मार्ग से होकर जाने वाले हर मुसाफिरों को प्रतिदिन तकलीफें उठानी पड़ रही है, आय दिन जाम जैसी स्थिति निर्मित होती रहती है, लेकिन जिम्मेदार विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
जानकारी के अनुसार विगत कुछ वर्ष पहले ही शासन द्वारा सड़क हादसे को रोकने एवम् राहगीरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य मार्ग नेशनल हाईवे/ स्टेट हाइवे में खुले शराब दुकानों को हटाने का निर्देश दिया था जिसके बाद मुख्य मार्ग की सारी शराब दुकान बंद करते हुए अन्यत्र स्थापित की गई थी।
गौर करने वाली बात यह है कि कोरबा जिले का हृदय स्थल कहां जाने वाला निहारिका आज के समय में बड़ा रिहायसी इलाका है जहां कई सारे कॉलोनी भी बनी हुई है। इसके अलावा कई सारे अस्पताल, मेडिकल दुकान, ज्वेलर्स दुकान, किताब घर, राशन दुकान सहित अन्य आवश्यक जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुली हुई है।
शहर का सबसे बड़ा चौपाटी सेंटर भी शराब दुकान से महज कुछ मीटर की दूरी पर संचालित है, दो-दो उद्यान भी खुले हुए हैं जहां शाम होते ही बच्चों और महिलाओं की बड़ी भीड़ लगी रहती है। बावजूद इस जगह पर शराब दुकान का संचालन किया जाना कहां तक सही है।
इसी तरह का नजारा टीपी नगर स्टेडियम के सामने मुख्यमार्ग में बना हुआ था जिसे लेकर सिख समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन को पत्राचार कर शराब दुकान हटाने की मांग की थी। लेकिन शराब दुकान नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी देते हुए जिला प्रशासन को अगाह किया था जिसके बाद प्रशासन द्वारा समय सीमा निर्धारित करते हुए कुछ महीनो बाद मुख्य मार्ग में संचालित हो रहे शराब की दुकान को अन्यत्र स्थापित किया गया।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। सभी पार्टी के नेता अपने उम्मीदवार को जिताने में लगे हुए हैं और उनका प्रचार प्रसार कर रहे हैं। लेकिन ऐसे नेता इस तरह के मुख्य मार्ग में संचालित हो रहे शराब दुकान को लेकर अपना आवाज प्रखर करने में आखिरकार क्यों पीछे हैं? यह भी अपने आप में सवाल है। और क्या इस बार विधानसभा चुनाव के पहले कोरबा विधानसभा के उम्मीदवार इस मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे हुए जनता को राहत पहुंचाएंगे, यह भी देखने वाली बात है।
हालांकि जनहित के इस बड़े मुद्दे को देखते हुए जिला प्रशासन को सख्त होने की जरूरत है और संबंधित विभाग के नियमों को शिथिल करते हुए आमजन के परेशानियों को दृष्टिगत रख शराब की दुकान को अन्यत्र स्थापित करने की आवश्यकता है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस शराब दुकान को हटाने में किस तरह की कार्रवाई करती है।
विशेष रिपोर्ट
गणेश साहू, कोरबा (छत्तीसगढ़)