क्या कहती है कोरबा विधानसभा का समीकरण, किसके सर होगा विधायक का ताज? क्या राजस्व मंत्री बचा पायेंगे अपनी सीट? पढ़े पूरी खबर….

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What does the equation of Korba assembly say, on whose head will the crown of MLA be? Will the Revenue Minister be able to save his seat?

रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आती जा रही वैसे वैसे नेताओं और मतदाताओं में चुनावी बुखार का पारा दिन बा दिन चढ़ता जा रहा है एक तरफ चुनाव लड़ने वाले सभी पार्टीयां जोर शोर से चुनाव की तैयारी में लगे हैं वहीं राज्य के प्रमुख पार्टीयां बसपा और भाजपा पार्टी ने तो कुछ विधानसभा की सिटों पर अपना उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद राज्य में विधानसभा और लोकसभा का नया परीसीमन किया गया जिसमें  कोरबा जिला के कटघोरा और रामपुर विधानसभा क्षेत्र के भागों को मिलाकर नया विधानसभा क्षेत्र कोरबा बनाया गया जो सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है कोरबा विधानसभा बनने के बाद से कोरबा विधानसभा कांग्रेस पार्टी का अजेय किला बना हुआ है प्रथम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने कोरबा विधानसभा क्षेत्र से जय सिंह अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था वहीं भाजपा पार्टी ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बनवारीलाल अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें मुकाबला कांटे का रहा और इस चुनाव में जय सिंह अग्रवाल लगभग पांच सौ मतों के अंतराल से विजयी रहे कांग्रेस पार्टी ने कोरबा विधानसभा के लिए हुए दूसरे  विधानसभा चुनाव में भी अपना उम्मीदवार जय सिंह अग्रवाल को ही  बनाया उसमें भाजपा पार्टी के प्रत्याशी जोगेश लांबा को लगभग दस हजार मतों के अंतराल से हराया था तीसरे विधानसभा चुनाव में फिर एक बार कांग्रेस पार्टी की ओर से जय सिंह अग्रवाल चुनाव मैदान में थे वहीं उनके सामने भाजपा पार्टी की ओर से कोरबा लोकसभा के सांसद बंशी लाल महतो के पुत्र और राज्य के बड़े ठेकेदार विकास महतो मैदान में थे लेकिन जय सिंह अग्रवाल इस बार भी बडे़ अंतराल से विजय श्री प्राप्त किये कांग्रेस पार्टी राज्य में पन्द्रह साल की वनवास के बाद धमाकेदार वापसी करते हुए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जिसमें जय सिंह अग्रवाल को सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पार्टी ने कोरबा विधानसभा क्षेत्र के लिए कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व कोरबा नगर निगम के पूर्व महापौर लखन लाल देवांगन को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से जय सिंह अग्रवाल ही उम्मीदवार होने की संभावना है ?

स्थानीय मतदाताओं ,नेताओं और राजनीतिक गुरुओं की माने तो इस बार कोरबा विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है राज्य के राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल को अपनी सीट को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है वहीं भाजपा पार्टी लखन लाल देवांगन के सहारे कोरबा विधानसभा क्षेत्र में पहली बार कमल फूल खिलाने के साथ जीत दर्ज करना चाहती है आप को बता दे की कोरबा विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से कोरबा नगर निगम का क्षेत्र आता है जिसमें भाजपा प्रत्याशी लखन लाल देवांगन महापौर रह चुके हैं और अपने महापौर कार्यकाल में क्षेत्र में विकास कार्य और अपने मिलनसार ब्यक्तित्व के कारण काफी लोकप्रिय नेता के रूप में अपनी पहचान बनाईं है जिसका फायदा आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव में मिलने के आसार भाजपा पार्टी को लग रहा है।

कांग्रेस पार्टी के लिए अभी तक कोरबा विधानसभा क्षेत्र अजेय गढ़ बना हुआ है राजनीतिक जानकारों की माने तो इस बार कोरबा विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए पिछले दो विधानसभा चुनाव इतना आसान नही हैं पिछले दो बार से कोरबा नगर निगम के सत्ता पर कांग्रेस पार्टी के महापौर बैठे हैं लेकिन लोगों के उम्मीद के मुताबिक कोरबा नगर निगम क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है कोरबा नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्र झुग्गी झोंपड़ियाँ और ग्रामीण क्षेत्र आते हैं जहाँ अभी भी विकास कोसों दूर है क्षेत्र से लगातार तीन बार से जय सिंह अग्रवाल विधायक हैं इस बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं पिछले नगर निगम कोरबा में उनकी पत्नी रेणु अग्रवाल महापौर थी और इस उनके खास करीबी राजकिशोर प्रसाद महापौर हैं जिनका कार्यकाल विकास के नाम पर कोई खास उपलब्धि दिखाई नहीं दे रहा है नगर निगम में शहर की सौन्दर्यीकरण के नाम जमकर भ्रष्टाचार हो रहा? यूँ कहे तो आगे पाठ, पिछे सपाठ।। वाली कहावत एक दम फीठ बैठती है।

वर्तमान मंत्री एवं कोरबा विधायक जय सिंह अग्रवाल को जीत का सिम्बोल माने जाते हैं यही कारण था मरवाही उपचुनाव में जय सिंह अग्रवाल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी और उनके प्रयास से मरवाही में कांग्रेस ने जीत भी हासिल किया।

 

पिछला चुनाव की बात करें तो कोरबा विधानसभा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी (जोगी) की ओर से जिला चेम्बर्स आफ कामर्स कोरबा के अध्यक्ष रामसिंह अग्रवाल मैदान में थे जिनकी उपस्थिति से मुकाबला त्रिकोणीय लग रहा था लेकिन अपेक्षा के अनुरूप रामसिंह अग्रवाल का प्रदर्शन नही रहा,चुनाव के पहले कोरबा पश्चिम दर्री एनटीपीसी क्षेत्र के युवाओं द्वारा जनसंगठन समिति बनाकर स्थानीय जनहित मुद्दा की ओर  शासन प्रशासन और लोगों का ध्यान आकर्षण करवाया और पिछले चुनाव में जन संगठन समिति द्वारा इंजीनियर विशाल केलकर को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया गया था इनका चुनाव में प्रदर्शन खास नही रहा लेकिन साफ़ सुथरी राजनीति करने की छाप जरूर छोड़ी पिछले साल नगर निगम कोरबा की अंदर और शहर से बाहर जाने वाली अधिकांश सभी सड़कें बहुत ज्यादा खराब थी लेकिन राज्य और नगर निगम के मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दा को सही ढंग से उठा नहीं सकी।

जन संगठन समिति के कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दा को जोर शोर से उठाया और शासन प्रशासन के साथ लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सफलता भी हासिल की कोरबा विधानसभा क्षेत्र के बदहाल सड़कों की बदहाली के लिए इनका प्रदर्शन अनोखा था प्रदर्शन के दौरान इन लोगों के द्वारा सड़क पर साऊंड सिस्टम के साथ और तख्ती लिये कतार बना कर स्लोगन लिख कर “दस का मुर्गा खाओगे, ऐसा ही सड़क पाओगे” थीम जिला और प्रदेश स्तर पर काफी ज्यादा सुर्खियां बटोरी थी और सड़क की बदहाली के लिए शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोगों के साथ साथ इसकी जिम्मेदार आम जनता मतदाताओं को भी ठहराया गया था जो पैसा दारू मुर्गा के लिए बोट करते हैं इस बार जन संगठन समिति के संयोजक विशाल केलकर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी(आप) ज्वाईन कर लिया और होने वाले विधानसभा चुनाव में आप पार्टी की ओर से कोरबा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी हो सकते हैं? फिलहाल कोरबा विधानसभा में प्रमुख राजनीतिक पार्टी कांग्रेस और भाजपा पार्टी के बीच ही मुकाबला होगा।

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