मानसून सीजन में भी राहत ना मिलने से बढ़ रही बिजली की डिमांड, हाइडल प्लांट के सहारे की जा रही आपूर्ति
कोरबा – उत्पादन कंपनी के मड़वा पॉवर प्लांट की 500 मेगावाट क्षमता की एक इकाई बंद होने से बांगो हाइडल प्लांट बड़ा सहारा बनी हुई है। इससे महंगी बिजली पर निर्भरता भी कम रही । शनिवार को हाइडल प्लांट की तीनों यूनिट से बिजली बनाई गई । शुक्रवार देर रात झमाझम बारिश की वजह से 15 दिन बाद बिजली की डिमांड में 800 मेगावाट की कमी आई है ।
बिजली उत्पादन कंपनी की एकमात्र जल विद्युत संयंत्र हसदेव नदी के बांगो बांध के नीचे है । मांग के अनुरूप सप्लाई प्लांट को बरकरार रखने अगस्त में बांगो हाइडल प्लांट बड़ा सहारा बनी है । कोरिया जिले में अच्छी बारिश के बाद बांगो बांध का जलस्तर बढ़ने से हाइडल प्लांट को 40-40 मेगावाट क्षमता की तीनों यूनिट को चलाया जा रहा है और इससे बिजली बनाई जा रही है । 4 अगस्त के बाद बारिश में ब्रेक लगने से उमस बढ़ गई थी । इससे एसी और कूलर का उपयोग बढ़ गया था । बिजली की डिमांड 5500 मेगावाट तक जा पहुंची थी । शुक्रवार शाम आधे घंटे की बारिश के बाद देर रात रुक – रुककर बारिश होती रही । इससे बिजली की डिमांड में 800 मेगावाट तक गिरावट आई है।
मड़वा प्लांट की 500 मेगावाट की इकाई बंद होने से बांगो हाइडल प्लांट की तीनों यूनिट से बिजली बनाई जा रही है , ताकि शेड्यूल दर पर ही सेंट्रल सेक्टर की बिजली ली जाए । अनशेड्यूल बिजली महंगी दर पर खरीदनी पड़ती है ।
बिजली की डिमांड के पीक सीजन का दौर खत्म हो गया है। बावजूद इसके बिजली की मांग बढ़ने की एक प्रमुख वजह यह भी है कि अब 9 महीने एसी और कुसर का उपयोग होने लगा है ।बारिश थमनेके बाद मानसून होने पर भी उमस लोगों को परेशान कर रही है। पिछले साल का अधिकतम बिजली की डिमांड 5300 मेगावाट थी, जबकि इसस सीजन अप्रैल में 5743 मेगावाट अधिकतम डिमांड रही । अब अगस्त में भी बिजली की डिमांड 5500 मेगावाट तक पहुंची । बारिश के बाद अभी राहत जरूर मिली है।