8th pay commission : क्या करेंगे कर्मचारी यदि 8वां वेतन आयोग नहीं आया तो, क्या है वित्त राज्य मंत्री के बयान का मतलब, पढ़े पूरी खबर

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8th pay commission: What will the employees do if the 8th pay commission does not come, what is the meaning of the statement of the Minister of State for Finance

New Delhi : सरकारी कर्मचारियों का भविष्य कैसा रहेगा आजकल इसी को लेकर इन दिनों चर्चा है। इसका कारण यह है कि सरकार ने 8वां वेतन आयोग (8th pay commission) को लेकर स्पष्ट कर दिया कि अगला वेतन आयोग गठित करने का कोई इरादा नहीं है। सरकार के इस को लेकर कर्मचारी संघों ने विरोध शुरू कर दिया। इन संघों का मानना है कि सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि आठवां वेतन आयोग बनेगा या नहीं! 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 से लागू हैं, जिसमें उन्हें न्यूनतम वेतन 18 हज़ार रुपए और अधिकतम 56900 रुपए फिटमेंट फैक्टर के आधार पर मिल रहा है।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने साफ़ किया कि अगर सरकार 8वां वेतन आयोग और पुरानी पेंशन बहाल नहीं करती, तो कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जा सकते हैं। इस हड़ताल में केंद्र और राज्य के कर्मचारी संयुक्त रूप से हिस्सा ले सकते हैं। हाल ही में संसद के मानसून सत्र में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार के सामने 8वां वेतन आयोग गठित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, सीधे तौर पर इसका आशय यह निकाला गया कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा।

वित्त राज्य मंत्री के बयान का मतलब

पंकज चौधरी से जब पूछा गया कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग के गठन पर विचार कर रही है या नहीं? जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अभी तक सरकार के पास 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया। उन्होंने कहा कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 2014 में लागू किया गया था। इसे 2016 में लागू किया गया। सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन मैट्रिक्स की समीक्षा 10 साल की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना की जा सकती है।

इसमें डीए की भूमिका क्या

जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के अनुसार वेतन आयोग की सिफारिशों पर 10 साल में एक बार वेतन संशोधन होता है। इसमें महंगाई भत्ते (DA) की भी भूमिका होती है। जब भी DA 50% से अधिक होता है, तो उसे कर्मचारियों के मूल वेतन में मिला दिया जाता है। लेकिन, यह केवल वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार होता है। यह और भी कई भत्तों में भी जुड़ता है। जेसीएम सचिव (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक सरकार को महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों का भुगतान करना होगा। हालांकि 8वें वेतन आयोग के गठन में अभी समय है। अगर सरकार इससे पीछे हटती है या कुछ नए मापदंड अपनाए जाते हैं तो केंद्र और राज्य के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

इंतजार करना होगा 2024 तक

रक्षा मंत्रालय की जेसीएम काउंसिल लेवल-2 और भारतीय मजदूर संघ को भरोसा है कि केंद्र सरकार समय पर 8वें वेतन आयोग का गठन जरूर करेगी। सिफारिशों के लिए अभी समय है। इसी तरह इसे लागू करने का समय 2026 तक है। इससे पहले हमें साल 2024 का इंतजार करना होगा। यही सही समय होगा, जब स्थिति स्पष्ट होगी कि सरकार की मंशा क्या है! संघ भी तभी मांग उठाएगा।

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