Wednesday, July 23, 2025

न्याय न मिलने से टूटी 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला, मांगी इच्छा मृत्यु

Must Read
Getting your Trinity Audio player ready...

सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की संवेदनहीनता ने एक बुजुर्ग महिला को इस कदर तोड़ दिया कि उसने अब राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग की है। मामला डभरा तहसील के ग्राम ठनगन का है और मामला पैतृक ज़मीन से जुड़ा है, ग्राम ठनगन स्थित कुल 18 रकबा यानी लगभग 4.581 हेक्टेयर भूमि जो प्रमेन्द्र कुमार पिता धनचंद, देवश्री पिता धनचंद एवं स्वयं सजीला बाई पत्नी कार्तिकराम के नाम पर बी1 एवं ऋण पुस्तिका में दर्ज है। जिसका तीन हिस्से में बटवारा करने तहसील कार्यालय डभरा में आवेदन लगाया तब उन्हे पता चला कि उनके जमीन खसरा नंबर 980/1 में से 0.324 हेक्टेयर जमीन को बिना उनकी जानकारी और सहमति के, फर्जी हस्ताक्षर और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बेचा गया। पीड़िता का आरोप है कि फर्जी फोटो लगाकर और जाली पहचान-पत्रों के आधार पर यह खेल खेला गया, और रजिस्ट्री पूरी कर दी गई। जिसके बाद से पीड़िता पुलिस, तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय से अपनी जमीन पाने गुहार लगाई लेकिन उन्हें न तो न्याय मिला और न ही प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही की।

प्रशासनिक मशीनरी पर उठे सवाल

क्या फर्जी रजिस्ट्री बिना अधिकारियों की मिलीभगत के संभव थी..? जब महिला के पास खतौनी, नक्शा और साक्ष्य हैं तो कार्रवाई क्यों रुकी है..? तहसील, पुलिस और राजस्व विभाग के अफसर चुप क्यों हैं..? आखिर क्यों एक 70 वर्षीय महिला को “इच्छा मृत्यु” तक की मांग करनी पड़ी..? आखिर इन सवाले के जवाबदार कौन है।

कार्यालय में आवेदन देकर राज्यपाल से मांगी इच्छा मृत्यु

पीड़िता ने कलेक्टर कार्यालय के द्वारा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को औपचारिक पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। इसमें उन्होंने अपना दर्द, दस्तावेज और प्रशासनिक उदासीनता के प्रमाण भी जोड़े हैं। अब देखना होगा क्या सिस्टम अब सिर्फ रसूखदारों के लिए काम करता है..? या फिर एक 70 वर्षीय महिला को न्याय दिलाता है..? यदि शासन इस मामले में अब भी चुप रहा, तो यह सिर्फ एक महिला की हार नहीं होगी, बल्कि न्याय और संवैधानिक व्यवस्था की भी हार होगी। यह मामला सिर्फ एक महिला की ज़मीन पर फर्जीवाड़े का नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह है। जब तक इस तरह की घटनाओं पर सख्त कार्यवाही नहीं होती, भू-माफिया गरीब, महिला और बुजुर्गों के हक़ छीनते रहेंगे।

मुझे मेरी ही अपनी पैतृक ज़मीन के लिए अपमानित होकर लड़ना पड़ रहा है। जब जीते जी न्याय नहीं मिल सकता, तो कृपा कर मृत्यु की अनुमति दे दो साहब।

Latest News

कोरबा साइबर सेल का कमाल: 122 खोए मोबाइल बरामद, असली मालिकों को लौटाए गए

कोरबा, 23 जुलाई 2025 // कोरबा जिले की साइबर सेल ने एक बार फिर सराहनीय कार्य करते हुए गुम...

More Articles Like This