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भारत निर्वाचन आयोग ने उन राजनीतिक दलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने पिछले छह वर्षों से किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। इसी क्रम में, पटना जिले में ऐसे पांच दलों की पहचान की गई है, जिन्हें अब ‘डीलिस्ट’ करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन सभी दलों को चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है।
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जिन पांच दलों को चिह्नित किया गया है, उनमें भारतीय युवा जनशक्ति पार्टी, एकता विकास महासभा पार्टी, गरीब जनता दल (सेकुलर), राष्ट्रीय सदाबहार पार्टी और यंग इंडिया पार्टी शामिल हैं। इन सभी दलों को नोटिस तामील कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यह कार्रवाई भारत निर्वाचन आयोग के उस फैसले के बाद हो रही है, जिसमें आयोग ने वैसे पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को अपनी सूची से हटाने का निर्णय लिया है, जिन्होंने 2019 के बाद से अब तक किसी भी चुनाव में भागीदारी नहीं की है। साथ ही, इन दलों के कार्यालय देश में कहीं भी भौतिक रूप से मौजूद नहीं पाए गए हैं।
चुनाव आयोग का मानना है कि ऐसे दल केवल कागजों पर मौजूद हैं और इनका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना नहीं है। ऐसे दलों को सूची से हटाने का उद्देश्य चुनावी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इन दलों को नोटिस का जवाब देने के लिए एक निश्चित समय दिया जाएगा, और यदि वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें अंतिम रूप से डीलिस्ट कर दिया जाएगा।
इस कदम से भविष्य में केवल सक्रिय और गंभीर राजनीतिक दलों को ही पंजीकृत रहने की अनुमति मिलेगी, जिससे चुनाव प्रबंधन में भी सुधार होने की उम्मीद है। चुनाव आयोग की यह पहल देश भर में ऐसे निष्क्रिय दलों पर नकेल कसने का एक बड़ा प्रयास है।