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कोरबा। जिले के ग्राम करमंदी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। यहाँ एक-दो नहीं बल्कि पूरे 29 वन अधिकार पट्टा कूटरचित पाए गए हैं। जुलाई माह में आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग की जांच में इस घोटाले की पुष्टि हुई।
जांच प्रतिवेदन के मुताबिक, जिन 29 ग्रामीणों के नाम पर पट्टे जारी दिखाए गए थे, वे कार्यालय से अधिकृत नहीं थे और फर्जी तरीके से तैयार किए गए थे। ये पट्टे हूबहू असली जैसे प्रतीत होते हैं, जिन्हें पहली नजर में पहचानना भी मुश्किल था।
ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर अजीत वसंत ने तत्काल जांच के आदेश दिए थे। सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ने बताया कि जांच में 80 पृष्ठों का प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम कार्यालय भेजा गया है। वहीं एसडीएम सरोज महिलांगे ने कहा कि चूंकि ये पट्टे विभाग से जारी ही नहीं हुए हैं, ऐसे में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले एक भू-माफिया ने ग्रामीणों से पैसे लेकर ये फर्जी पट्टे बांटे थे। हालांकि अब वह व्यक्ति दिवंगत हो चुका है, जिससे सीधे तौर पर किसी पर कार्रवाई संभव नहीं है। बावजूद इसके, प्रशासन ने भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।
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ग्राम करमंदी में 29 वन अधिकार पट्टा फर्जी पाए गए।
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सहायक आयुक्त की जांच में हुआ खुलासा, 80 पन्नों की रिपोर्ट एसडीएम को भेजी गई।
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फर्जी पट्टे असली जैसे दिखते थे, ग्रामीणों से पैसे लेकर भू-माफिया ने बांटे थे।
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दोषी भू-माफिया की मौत हो चुकी है, पर प्रशासन सतर्कता बढ़ाएगा।