*Chhattisgarh में 1700 करोड़ की ठगी: आरोपी पियूष जायसवाल के खिलाफ दर्ज हुई पहली एफआईआर, विधायक और बड़े नेताओं के संरक्षण में चल रहा था ठगी का खेल*

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रायपुर, 4 अक्टूबर 2024: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर-चांपा, सक्ती और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलों में हुए 1700 करोड़ रुपए के ठगी के मामले में पुलिस ने आरोपी पियूष जायसवाल के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज की है। यह मामला लंबे समय से चर्चा में था, लेकिन अब उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर इस महाठग के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।

 

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पियूष जायसवाल, जो शेयर बाजार और प्रॉपर्टी ट्रेडिंग में निवेश कर लोगों को भारी मुनाफे का लालच देता था, ने सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है। पीड़ितों के अनुसार, वह लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें 10 प्रतिशत मासिक ब्याज देने का झांसा देता था, लेकिन वादा पूरा नहीं करता था। अब तक पियूष पर **धारा 420, 406, 34** के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

ठगी की शुरुआत और पीड़ितों की शिकायतें

इस केस की पहली एफआईआर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के दयालपुर निवासी **महेन्द कुमार पटेल** की शिकायत पर दर्ज की गई है। पटेल ने बताया कि नवंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच पियूष जायसवाल और उसके साथियों ने शेयर बाजार में 10 प्रतिशत ब्याज देने का लालच देकर उनसे 10 लाख रुपए लिए थे। पियूष ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह हर महीने ब्याज का भुगतान करेगा, लेकिन आज तक न तो ब्याज दिया गया, न ही मूलधन लौटाया गया।

पटेल के साथ-साथ कई अन्य लोगों ने भी पियूष जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज कराई हैं। पीड़ितों के मुताबिक, पियूष ने विश्वास जीतने के लिए एडवांस में चेक भी दिया था, लेकिन चेक की तारीख बाद में डालने की बात कहकर उसे टालता रहा।

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शेयर बाजार में पैसा लगाने का झांसा

शिकायतकर्ता महेन्द पटेल ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त लखन लाल पटेल से पियूष जायसवाल के बारे में जानकारी ली थी, जिसने पियूष को एक बड़ा शेयर बाजार निवेशक बताया था। पियूष ने उन्हें बताया कि वह कई लोगों को हर महीने 10 प्रतिशत ब्याज दे रहा है, और इसी झांसे में आकर महेन्द ने अपनी रकम निवेश कर दी। लेकिन बाद में पियूष गायब हो गया और संपर्क में आने से बचने लगा।

विधायकों का संरक्षण और राजनीतिक लिंक

मामला तब और गंभीर हो गया जब यह सामने आया कि पियूष जायसवाल को कुछ विधायकों और बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। पीड़ितों के अनुसार, पियूष ने दो विधायकों का नाम लेकर धमकी दी थी कि वह उनकी मदद से बच निकलेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा से निष्कासित एक नेता का भी पैसा पियूष के पास फंसा हुआ है, जिसकी वजह से वे भी उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

महादेव सट्टा एप से लिंक की खबरें

पियूष जायसवाल का दुबई स्थित **महादेव सट्टा एप** के प्रमोटर्स से भी लिंक होने की खबरें सामने आई हैं। यह एप पहले से ही विवादों में रहा है और इसके प्रमोटर्स पर भी ठगी और अवैध गतिविधियों के आरोप हैं। पुलिस अब पियूष जायसवाल के खिलाफ इन सभी आरोपों की गहन जांच कर रही है और उसके साथियों की भी तलाश जारी है।

पियूष जायसवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब पुलिस और गृहमंत्रालय की ओर से ठगी के इस मामले की परतें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है, और पुलिस ने अन्य पीड़ितों से भी शिकायत दर्ज कराने का अनुरोध किया है।

इस मामले के सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराधों को लेकर सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है। अगर पियूष जायसवाल और उसके सहयोगियों को जल्द गिरफ्तार किया जाता है, तो यह अन्य ठगों के लिए एक बड़ा सबक साबित होगा।

 

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