हिंडनबर्ग का आरोप-स्विस बैंकों में अडाणी के ₹2600 करोड़ फ्रीज:अडाणी ग्रुप बोला- सारे दावे झूठे, यह हमारी मार्केट वैल्यू गिराने की कोशिश

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने गुरुवार, 12 सितंबर को अडाणी ग्रुप के खिलाफ नए आरोप लगाए। हिंडनबर्ग ने कहा कि स्विस अथॉरिटीज ने अडाणी ग्रुप से जुड़े 6 स्विस बैंक अकाउंट से 310 मिलियन डॉलर (करीब 2602 करोड़ रुपए) से ज्यादा की रकम फ्रीज की है।

हिंडबर्ग ने स्विस मीडिया आउटलेट गोथम सिटी की एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्विस अथॉरिटीज ने ये रकम मनीलॉन्ड्रिंग और सिक्योरिटीज फॉजरी इन्वेस्टिगेशन के हिस्से के रूप में की है।

स्विस मीडिया आउटलेट ने स्विस क्रिमिनल कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार बताया कि, अभियोजकों ने विस्तार से बताया कि कैसे अडाणी से जुड़े लोगों ने ओपेक BVI/मॉरीशस और बरमूडा फंड में निवेश किया। इस फंड में खास तौर पर अडाणी ग्रुप के स्टॉक थे।

हालांकि, गुरुवार देर रात अडाणी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को झूठा बताया। ग्रुप ने कहा कि ये सब उनकी मार्केट वैल्यू गिराने के लिए किया जा रहा है।

अपने जवाब में, अडाणी ग्रुप ने साफ किया कि वे किसी भी स्विस अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं हैं। न तो उनके ग्रुप की कंपनियों का उल्लेख ऐसे किसी भी अदालती दस्तावेज़ में किया गया है और न ही उन्हें स्पष्टीकरण के लिए कोई अनुरोध मिला है।

अडाणी ग्रुप ने कहा- आरोप साफ तौर पर बेतुके और तर्कहीन हैं। हमें यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि यह हमारे समूह की प्रतिष्ठा और मार्केट मूल्य को क्षति पहुंचाने का प्रयास है। ग्रुप ने कहा कि उनका विदेशी होल्डिंग स्ट्रक्चर पारदर्शी और सभी कानूनों के अनुरूप है।

इससे पहले हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।

बुच ने इन आरोपों को “निराधार” और “चरित्र हनन” का प्रयास बताया था। SEBI चेयरपर्सन ने सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करने की इच्छा व्यक्त की था। अपने पति धवल बुच के साथ एक जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा, ‘हमारा जीवन और फाइनेंसेस एक खुली किताब है।’

24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इसमें रिकवरी आई। इस रिपोर्ट को लेकर भारतीय शेयर बाजार रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भी भेजा था।

1 जुलाई 2024 को पब्लिश किए अपने एक ब्लॉग पोस्ट में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि नोटिस में बताया गया है कि उसने नियमों उल्लंघन किया है। कंपनी ने कहा, SEBI ने आरोप लगाया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में पाठकों को गुमराह करने के लिए कुछ गलत बयान शामिल हैं। इसका जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने SEBI पर ही कई तरह के आरोप लगाए थे।

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