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नई दिल्ली / संयुक्त राष्ट्र, 25 मई 2025: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से रोक दिया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की बेचैनी अब अंतरराष्ट्रीय मंचों तक जा पहुंची है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की बैठक में पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को “खतरनाक” बताते हुए अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताया और भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि इससे 24 करोड़ पाकिस्तानी नागरिकों की जान पर बन आएगी।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रतिनिधि उस्मान जादून ने कहा, “भारत का यह फैसला मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन है। भारत को नदियों के पानी को रोकने या उसकी धारा मोड़ने से बचना चाहिए। ये नदियां पाकिस्तान के लिए जीवनरेखा हैं।”
पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से भी अपील की कि “पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की कोशिशों पर लगाम लगाई जाए।” लेकिन पाकिस्तान के ये आँसू घड़ियाली ज़्यादा और राजनीतिक ड्रामा कम नहीं लगे, क्योंकि उसी पाकिस्तान की ज़मीन से भारत पर आतंकवाद फैलाने की साजिशें लगातार जारी हैं।