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न्यूज़ जांजगीर-चांपा । नवरात्रि यानी कि शक्ति के रुप में नारी की परिकल्पना को साकार करते हुए
देवी की उपासना की नौ रातें ! नौ दुर्गा की उपासना का पर्व, आध्यात्मिक की गंगा – यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में बहने का पावन पर्व हैं नवरात्रि । इस शक्ति पर्व के दौरान की गई देवी की सभी उपासनाएं , साधनाएं, मानव के प्रति समर्पण, शुद्ध वाणी का सदुपयोगऔर शक्ति की आराधना और सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ाती हैं । इन्हीं सात्विक विचारों से ओत-प्रोत रामबांधा हर्चनलाल युवा दुर्गोत्सव समिति द्वारा लगातार तीसरे साल मां दुर्गा की दिव्य मूर्तियां स्थापित की गई हैं । नवरात्रि का महत्व इस प्रकार हैं।
देवी मा की उपासना – नवरात्रि पर्व देवी की उपासना और शक्ति की आराधना का महान अवसर है ।
सौम्य और उग्र स्वरूप में मां – देवी की उपासना सौम्य रूप में उमा , गौरी , पार्वती, अन्नपूर्णा आदि स्वरूपों में होती है। जबकि उग्र रूप में दुर्गा , काली और चंडिका में उपासना होती हैं ।
मां दुर्गा देवी की महिमा
शक्ति की आराधना- मां दुर्गा शक्ति की आराधना का केंद्र हैं और उनकी महिमा अपरंपार हैं ।
असुरों का संहार – मां दुर्गा का प्रमुख कार्य असुरों का संहार करना हैं जैसा कि महिषासुर के वध की कथा में वर्णित हैं । रामबाधा तालाब हर्चनलाल युवा दुर्गोत्सव समिति के राहुल अहीर, आलोक कुमार सोनी, सुदेश अहीर नवनीत स्वर्णकार, शिवान्श स्वर्णकार,हरिश पाण्डेय, शशिभूषण सोनी, शैलेन्द्र कुमार सोनी, विश्वकर्मा, किशोर भावनानी, अशोक स्वर्णकार, नंद किशोर सोनी, देवेन्द्र कुमार शर्मा , कृष्णा नामदेव,डॉ शांति स्वर्णकार सहित अन्यान्य लोगों पूजा-अनुष्ठान में लगे हुए हैं