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कोरबा/ छत्तीसगढ़ कोरबा ब्लॉक के माध्यमिक शाला बेला में पदस्थ शिक्षक विनोद कुमार साण्डे ने प्राथमिक शाला केसला में पदस्थ शिक्षिका का शासन प्रशासन द्वारा युक्तियुक्तकरण के तहत ओमपुर या उसके आसपास पदस्थापन करने के लिए शिक्षिका के पति शिक्षक से दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी शिक्षिका के पति ने इसकी शिकायत एसीबी बिलासपुर से की गई शिकायत की पुष्टि होने पर दिनाँक 17/07/2025 को एसीबी बिलासपुर द्वारा शिक्षक विनोद कुमार साण्डे को दो लाख रुपये रिश्वत लेते रंगें हाथों गिरफ्तार किया गया और भ्रष्टाचार का प्रकरण बनाकर उसे जेल भेज दिया गया जो वर्तमान में जमानत पर रिहा है और प्रकरण न्यायालय में लंबित है!
जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा की अनुशंसा पर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षक विनोद कुमार साण्डे को 23/07/2025 को सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के कंडिका 3 के विपरीत होने के कारण छ ग सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 के तहत निलंबित कर दिया गया था जिसे जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा की अनुशंसा पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा 17/10/2025 को आदेश जारी करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षक विनोद कुमार साण्डे को फिर से माध्यमिक शाला बेला में पदस्थ करते हुए रजगामार ओमपुर के संकुल शैक्षिक समन्वयक बना दिया गया है जिससे शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं! आखिर क्या वजह है की रिश्वतखोर भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षक को उसी विद्यालय में और एक प्रतिष्ठित जिम्मेदारी वाले पद संकुल शैक्षिक समन्वयक बनाया गया है?
फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षक विनोद कुमार साण्डे को अन्य विद्यालय या दूसरे ब्लॉक में पदस्थापन करने और जब तक उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का न्यायालय से निराकरण नहीं हो जाता है तब तक उन्हें जिम्मेदारी और प्रतिष्ठित संकुल शैक्षिक समन्वयक पद पर पदस्थ नहीं करने के लिए जिला के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा गया है अब देखने वाली बात है की वरिष्ठ अधिकारी रिश्वतखोर शिक्षक पर क्या कार्यवाही करते हैं या उनकी मेहरबानी रिश्वतखोर पर बनी रहेगी

