भाजपा विधायकों ने राष्ट्रपति को लिखा- केजरीवाल सरकार बर्खास्त करें:वह जेल से सरकार चला रहे, प्रेसिडेंट ऑफिस ने लेटर गृह मंत्रालय को भेजा

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दिल्ली में विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर लिखकर केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। इस चिट्ठी को राष्ट्रपति कार्यालय ने गृह मंत्रालय के पास भेज दिया है।

लेटर में लिखा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। ऐसे में सरकार से जुड़े कई काम अटके हुए हैं। फाइलों पर साइन नहीं हो पा रहे हैं।

इस लेटर में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता समेत 7 अन्य विधायकों के अलावा एक पूर्व विधायक के साइन हैं।

30 अगस्त को भी भाजपा विधायकों के डेलीगेशन ने दिल्ली में संवैधानिक संकट को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की थी।
30 अगस्त को भी भाजपा विधायकों के डेलीगेशन ने दिल्ली में संवैधानिक संकट को लेकर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की थी।

दिल्ली में संवैधानिक संकट क्यों…

 मार्च में गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया। वह जेल से ही सरकार चला रहे हैं। हालांकि, इस बीच केजरीवाल को CM पद से हटाने का मामला दो बार कोर्ट भी पहुंचा।

 दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को याचिका खारिज करते हुए कहा था- ये कार्यपालिका का मसला है। ACJ मनमोहन ने कहा था, “इस याचिका पर हमें सुनवाई नहीं करना चाहिए। कार्यपालिका को यह मामला देखना चाहिए। इसमें न्यायपालिका के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को CM पद से हटाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो चुकी है। जस्टिस खन्ना ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा था- हम हाईकोर्ट के फैसले पर दखल नहीं दे रहे। दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना मामले में एक्शन लेना चाहते हैं तो लें।

 केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। फिर CBI ने भ्रष्टाचार मामले में उन्हें तिहाड़ जेल से ही 26 जून को गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ED मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन भ्रष्टाचार मामले में वे जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को CBI केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं। अब BJP विधायकों की चिट्ठी पर गृह मंत्रालय कुछ एक्शन लेता है और सरकार बर्खास्त होती है तो राष्ट्रपति शासन लग सकता है। वैसे भी दिल्ली में अगले चार-पांच महीने में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। दिल्ली सरकार का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है।

  • दिल्ली में पहली बार राष्ट्रपति शासन 15 फरवरी 2014 को लगा था। तब अरविंद केजरीवाल ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने के 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी।
  • 13 फरवरी 2015 तक 363 दिन राष्ट्रपति शासन रहने के बाद केजरीवाल ने 14 फरवरी 2015 को फिर से दिल्ली की सत्ता संभाली। वे पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतकर आए। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 67 सीटें जीती थीं।
  • भाजपा विधायकों की मांग पर अगर राष्ट्रपति मानती हैं तो यह दूसरा मौका होगा, जब दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगे और इसका कारण भी केजरीवाल और आम आदमी पार्टी होगी।

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