Monday, October 20, 2025

पूर्व मंत्री ने कहा प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर एसईसीएल कर रहा है दादागिरी….. 

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कोरबा/छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में राजस्व मंत्री रह चुके जय सिंह अग्रवाल शनिवार को कोयलांचल क्षेत्र जटराज और कुसमुंडा पहुंचे। खनन प्रभावित क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर समस्या के निराकरण के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया।

हाल ही में इमलीछापर में सड़क चौड़ीकरण करने के लिए 11 लोगों के मकान को तोड़ा गया है। बीच बरसात यह परिवार बेघर हैं। किरात या किसी के शरण में रह रहे हैं। जिस पर मंत्री ने आपत्ति जताई और कहा कि एसईसीएल स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर दादागिरी कर रहा है। उनकी कार्यशाली ठीक नहीं है। रोजगार ल, पुनर्वास और मुआवजा संबंधी वेड अधूरे हैं। लोग लगातार परेशान हो रहे हैं।

 

 

जटराज के ग्रामीणों को आज तक नहीं मिला उचित मुआवजा और पुनर्वास :

 

पूर्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कुसमुंडा खदान से प्रभावित गांव जटराज के लोगों के जमीन का अधिग्रहण सन 2009– 2010 में हुआ था. जिसे अब कब्जे में लिया जा रहा है. कंपनी मुआवजा देने के लिए पुराने अधिग्रहण नियम का पालन कर रही है, जबकि रोजगार देने के लिए वह 2012 के बाद की पॉलिसी का पालन किया जा रहा है। जिसमें विरोधाभास है, एसईसीएल ने वादा किया था कि वह पहले पुनर्वास की व्यवस्था करेंगे। इसके बाद ही किसी गांव को विस्थापित करेंगे। गांव के लोग अभी उचित मुआवजा और पुनर्वास के लिए भटक रहे हैं। लेकिन एसईसीएल पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर जबरदस्ती गांव से ग्रामीणों को हटाने पर तुला हुआ है। जिन्हें पहले विस्थापन का इंतजाम करना चाहिए। उनके मूलभूत सुविधा विकसित करना चाहिए। इसके बाद ही उन्हें इस गांव से हटाया जाना चाहिए।

 

 

बरसात में बेघर हो गए हैं लोग :

 

इमलीछापर में 11 परिवारों के घर को तोड़ दिया गया है। जो यहां 30-40 साल से मकान बनाकर रह रहे थे। अब बरसात में वह बेघर हो गया हैं। मंत्री ने कहा कि एक महिला हमारे साथ है। जिनके पति चलने फिरने में सक्षम नहीं हैं। अभी वह किराए के मकान में रह रहे हैं। उन्हें पूरी तरह से बेघर कर दिया गया है। यहां के 11 मकान को तोड़ा गया है। लेकिन यह उतना जरुरी नहीं था, इसके अलावा भी और बेजाकब्जा हो रहे हैं। उन्हें नहीं तोड़ा जाता। 2 महीने में इन्हें मकान बनाकर देने को कहा गया था। वह वादा भी अधूरा है, कई लोगों को बेघर कर दिया गया है। एसईसीएल का रवैया दादागिरी करने जैसा है। मकान को तोड़ने के लिए थाने में मीटिंग रखी गई थी।

जिन 11 मकान को तोड़ा गया है। उनमें से एक परिवार की महिला सिंधु जायसवाल ने बताया कि जब मकान तोड़ा गया था। तब 2 महीने के भीतर मकान बना कर देने को कहा गया था। लेकिन अभी तक हमे मकान बनाकर नहीं दिया गया है। हम किराए के मकान में रह रहे हैं। कितने दिन हम किराए में रह पाएंगे। परिवार में कोई कमाने वाला भी नहीं है। बेहद मुश्किल में फंसे हुए हैं।

 

 

 

पुलिस प्रशासन और एसईसीएल नहीं रोक पा रहे चोरी :

 

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल यही नहीं रुके उन्होंने प्रशासन, पुलिस और एसईसीएल पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कोयला खानदा में डीजल और कोयले की चोरी हो रही है। यह चोरी करोड़ो रुपए की है। लगातार हम खबरें सुनते हैं और यह लगातार जारी है। पुलिस प्रशासन और एसईसीएल मिलकर चोरी को रोक नहीं पा रहे हैं। जबकि उन्हें चोरी को रोकना चाहिए। इस तरह के परिस्थितियों पर हर तरह से लगाम लगाई जानी चाहिए।

 

 

केंद्रीय मंत्री पर भी बोला हमला :

 

बीते 30 जून को भारत सरकार के केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे कोरबा जिले के गेवरा खदान पहुंचे थे। खदान का दौरा किया था और उत्पादन बढ़ाने की बात कही थी। पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल उनपर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री हाल ही में जब आए थे। तब उन्होंने प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए जंगल भी काटने पड़े तो काटे जाएंगे। किसी भी स्तर पर जाकर प्रोडक्शन बढ़ाना है। मंत्री ने जो बात कही थी वो आपत्तिजनक है। वह जंगलों को बचाने की बात नहीं कहते हैं। जंगल काटने की बात कह रहे हैं।

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