देश के 4 राज्यों में चल रहा मिशन जोशुआ:लोगों को ईसाई बनाया जा रहा; वेबसाइट का दावा- 100 में से 4 लोग धर्म बदल रहे

Must Read

देश में हर साल करीब 24 लाख लोगों को ईसाई बनाने का दावा किया जा रहा है। अमेरिका से चल रही जोशुआ प्रोजेक्ट की वेबसाइट का ये दावा है। इसका मकसद ईसाई धर्मांतरण बढ़ाना और जगह-जगह चर्च बनाना है। कई गांवों में नए चर्च बन गए हैं। इसके तहत देश में 2,272 जातियों के वर्ग बनाए गए हैं। हर वर्ग का एक एजेंट नियुक्त किया है। ये पूरे देश में फैला है।

ने हकीकत जानने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के 110 गांवों में 18 दिन पड़ताल की। धर्म बदल चुके हुए लोगों का दावा है कि चर्च जाने के बाद उनकी आर्थिक व शारीरिक परेशानियां दूर हो गईं। धर्मांतरण कराने वाले एक पास्टर ने प्रोजेक्ट जोशुआ की वेबसाइट के बारे में बताया।

इसमें दावा है कि भारत की आबादी 143 करोड़ है और वे 6 करोड़ लोगों तक पहुंच चुके हैं। इसमें धर्मांतरण का प्रति वर्ष रेट 3.9% है। देश की सबसे बड़ी चर्च में शुमार कुनकुरी स्थित रोजरी के महारानी महागिरजाघर के बिशप एमानुएल कैरटटा डीडी से जोशुआ प्रोजेक्ट के बारे में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया।

दावा है कि अमेरिका से चलाए जा रहे जोशुआ प्रोजेक्ट की वेबसाइट कहती है कि भारत में 6 करोड़ लोगों तक पहुंच चुके हैं। हर 100 में से 4 लोग धर्म बदल रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल बताते हैं कि यह वेबसाइट 24 साल से अमेरिका के कोलोराडो स्प्रिंग्स से ऑपरेट हो रही है, लेकिन मालिक का पता नहीं है।

वहीं, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा, झारखंड-ओ​डिशा के डीजीपी, मध्य प्रदेश के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) से जोशुआ प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की गई। इनका कहना है कि उन्हें प्रोजेक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

ने मप्र, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के 110 गांवों में पड़ताल की तो 82 गांव ईसाई बाहुल्य मिले। धर्मांतरण कराने वाले एजेंट की जिम्मेदारी होती है कि वे बीमार-परेशान लोगों को खोजें और उन्हें प्रार्थना सभा तक लाएं। सभा में जादू-टोने के माध्यम से भी लोगों को सही किया जा रहा है। पढ़िए, कहां-कैसे धर्मांतरण किया जा रहा है।अलीराजपुर में कुछ महीनों में कई चर्च बन गए। झाबुआ की पायल 2 माह पहले ही ईसाई बनी हैं। बताती हैं, चर्च का ‘अमृत जल’ पीने से स्वस्थ हो गई, इसलिए धर्म बदला। हिंदू जागरण मंच के जिला सह संयोजक बलराम बुंदेला बताते हैं कि फ्री शिक्षा देकर भी बरगला रहे हैं।दुलदुला भिजपुर गांव के धर्मेंद्र की बेटी ने महीनेभर पहले ही ईसाई लड़के से शादी कर ली। धर्मेंद्र बताते हैं कि अभी हमारा मन बदला है, धर्म नहीं। धर्म जागरण समन्वय के अध्यक्ष और घर वापसी कार्यक्रम के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह की मानें तो एक सर्वे के मुताबिक, 10 साल में 50 हजार लोग धर्मांतरित हुए।के मेराल गांव में घुसते ही बाहर क्रास का चिन्ह लगा है। यहां के जयराम किसान बताते हैं कि गांव के 250 घर में से 150 से अधिक ईसाई हो चुके हैं। इन्होंने हमें भी लालच दिया था कि अगर धर्म अपना लोगे तो पीएम आवास दिला देंगे। लोगों को नौकरी भी दिलवाई जा रही।

Latest News

*कोरबा: रक्षित केंद्र पर बलवा ड्रिल का किया गया अभ्यास, पुलिस ने दिखाई तैयारियां*

कोरबा, 20 सितंबर 2024: शहर में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से आज रक्षित केंद्र, कोरबा के...

More Articles Like This