*डोंगरगढ़: मां बम्लेश्वरी मंदिर का प्रसाद पोल्ट्री फार्म में बनता पाया गया, खाद्य सुरक्षा टीम ने मारा छापा*

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डोंगरगढ़: मां बम्लेश्वरी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद, जो भक्तों के बीच पवित्रता और आस्था का प्रतीक माना जाता है, दरअसल एक पोल्ट्री फॉर्म में बनाया जा रहा था। इस चौंकाने वाली घटना का पता तब चला जब खाद्य सुरक्षा टीम ने गुरुवार को राका गांव स्थित एक फैक्ट्री में छापा मारा और बड़ी मात्रा में प्रसाद के पैकेट जब्त किए।

इस घटना के बाद से डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र में हलचल मच गई है। जांच के दौरान यह पाया गया कि करीब 5000 स्क्वायर फीट के कैंपस में पोल्ट्री फॉर्म और प्रसाद बनाने की फैक्ट्री एक साथ संचालित हो रही थी। फैक्ट्री में जो प्रसाद बनाया जा रहा था, उसे ‘श्री भोग प्रसाद’ के नाम से पैक करके मंदिर के आसपास की दुकानों में बेचा जा रहा था। भक्तगण जो इस प्रसाद को श्रद्धा से खरीदते थे, उन्हें इस तथ्य का पता भी नहीं था कि यह प्रसाद ऐसे अस्वास्थ्यकर वातावरण में तैयार किया जा रहा है।

फैक्ट्री और पोल्ट्री फॉर्म का मालिक मजहर खान बताया जा रहा है। छापे के दौरान बड़ी संख्या में प्रसाद के पैकेट जब्त किए गए हैं, और खाद्य सुरक्षा विभाग ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि प्रसाद का उत्पादन जिस जगह पर हो रहा था, वहां साफ-सफाई और स्वास्थ्य मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। इससे मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद की गुणवत्ता और शुद्धता पर गंभीर सवाल उठते हैं।

**मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया**
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है और इस बात की जांच कराने की बात कही है कि किस तरह से इस प्रसाद की आपूर्ति मंदिर के पास की दुकानों में की जा रही थी। मंदिर में चढ़ने वाला प्रसाद भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ होता है, और इस प्रकार की लापरवाही न सिर्फ आस्था को ठेस पहुंचाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा हो सकती है।

**प्रशासन की कार्रवाई**
खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापे के बाद फैक्ट्री को सील कर दिया है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि पोल्ट्री फार्म और प्रसाद फैक्ट्री एक साथ कैसे संचालित हो रहे थे और क्या इस प्रसाद में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल हो रहा था।

**भक्तों में आक्रोश**
इस खुलासे के बाद डोंगरगढ़ और आसपास के क्षेत्र में भक्तों के बीच आक्रोश है। लोग इस बात से नाराज हैं कि उनके द्वारा श्रद्धा और विश्वास से खरीदा जाने वाला प्रसाद इतने खराब और अस्वास्थ्यकर माहौल में बनाया जा रहा था। भक्तों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।

इस घटना ने मां बम्लेश्वरी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद की शुद्धता और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन किस तरह से इस मामले को संभालता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है।

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