छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक घायल सांप को लेकर उसका ईलाज कराने के लिए सर्परक्षक के सदस्य अस्पताल पहंुच गए। डाॅक्टर ने उसका मरहम पट्टी किया, पर एक दिन बाद उसकी जान नहीं बच सकी।
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को सर्परक्षक टीम के पास रेस्क्यू करने के लिए मोबाईल पर काॅल आया। जिसमें बताया गया कि ढिमरापुर क्षेत्र में रहने वाले आयुष्मान शर्मा के घर में एक सांप निकला है। जिसके बाद सर्परक्षक एनिमल रेस्क्यू टीम के उपाध्यक्ष तुरंत मौके पर पहुंचा और सांप को घायल हालत में देखा। उसके बाद उसने अपने टीम के एक साथी को बुलाकर घायल सांप को लेकर सीधा पशु चिकित्सालय पहुंच गया। जहां सांप को देखकर सभी हैरान रह गए कि सांप का ईलाज होगा। सांप को स्ट्रेचर पर रखा गया और उसका ईलाज शुरू किया गया।
पशु डाॅक्टर ने दवा लगाई और कहा दस दिनों तक इसका ड्रेसिंग होना है। उसको लगाया गया पट्टी बदला जाएगा। रेस्क्यू टीम को उम्मीद था कि सांप की जिंदगी बच जाएगी, लेकिन एक दिन बाद मंगलवार की शाम को वह बच नहीं सका। बताया जा रहा है कि यह धमना सांप था और उसका घाव काफी पुराना था।
सर्परक्षक एनिमल रेस्क्यू टीम के उपाध्यक्ष जयनारायण खर्रा ने बताया कि उसकी लंबाई करीब साढ़े 5 फीट थी और शरीर में एक ही जगह बड़ा घाव था। डाॅक्टर ने उसे हर दिन अंडा खिलाने भी कहा था, सुबह तक सब ठीक था, लेकिन शाम को उसकी जान नहीं बच सकी। उन्होंने बताया कि अब भी रायगढ़ मंे हर दिन 25-30 रेस्क्यू काॅल सांप के लिए आ रहे हैं।