Sunday, August 3, 2025

ग्राम पंचायत मढ़ी खुर्द में सरपंच पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

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मनगवां — जनपद पंचायत गंगेव के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मढ़ी खुर्द में सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता और तानाशाही जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने सरपंच पर शासन की राशि का दुरुपयोग करने, निजी स्वार्थ के लिए निर्माण कार्य कराने और जनहित की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच द्वारा पंचायत की निधि से अपने निजी जमीन पर पीसीसी रोड का निर्माण कराया गया है, वह भी बिना किसी प्रकार का दान पत्र या ग्राम सभा की सहमति लिए। और अब जब वह रोड बन चुकी है, तो सरपंच वहां से किसी को गुजरने नहीं देता। अगर कोई व्यक्ति उस रास्ते से निकलने का प्रयास करता है, तो उसे गाली-गलौज, धमकी और मारपीट का सामना करना पड़ता है। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल तक भिजवाया गया है

 

इतना ही नहीं, ग्रामीणों ने सरपंच पर पानी टैंकर की मरम्मत में अत्यधिक राशि दर्शाने का भी आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि टैंकर की असल कीमत से ज्यादा राशि केवल उसकी मरम्मत में दर्शा दी गई, जिससे पंचायत निधि का दुरुपयोग स्पष्ट रूप से नजर आता है। इसके अलावा स्टेशनरी, निर्माण सामग्री, मरम्मत कार्यों और अन्य विकास योजनाओं में भी भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। इन सभी मामलों में न तो पंचायत के रिकॉर्ड पारदर्शी हैं और न ही कार्यों की कोई गुणवत्ता देखी जा रही है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि नाली निर्माण कार्य भी एमपीआरडीसी की जमीन पर किया गया है, जो पूरी तरह से नियमों के विरुद्ध है। इस कार्य के लिए न तो कोई वैध अनुमति ली गई और न ही तकनीकी स्वीकृति प्राप्त की गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि पंचायत कार्य मनमाने ढंग से चलाए जा रहे हैं।

 

इन तमाम अनियमितताओं को लेकर ग्रामवासियों ने कई बार जनपद पंचायत गंगेव के सीईओ से लेकर रीवा कलेक्टर तक शिकायत की है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की निष्क्रियता से ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि सरपंच की तानाशाही के कारण गांव में भय और तनाव का वातावरण बना हुआ है। जो लोग विरोध करते हैं, उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है।

 

गांव के बुजुर्ग, महिलाओं और युवाओं ने शासन-प्रशासन से यह मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

 

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल को सामने ला खड़ा किया है। अगर प्रशासन समय रहते हस्तक्षेप नहीं करता, तो यह मामला और गंभीर रूप ले सकता है।

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