गैर असमी मुसलमानों को असम छोड़ने की धमकी:30 संगठनों ने 4 दिन का अल्टीमेटम दिया; CM हिमंता बोले- मियां भूमि नहीं बनने दूंगा

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नागांव रेप केस के बाद बीते चार दिन में ऊपरी असम में अलग-अलग जगह बच्चियों और महिलाओं से यौन शोषण और छेड़छाड़ की पांच से ज्यादा घटनाएं हुई है, जिनमें कोई मियां (गैर असमी मुसलमान) या हिंदी भाषी बाहरी आरोपी निकला है। स्थानीय लोगों ने इसे अस्मिता का मुद्दा बना लिया है।

गैर असमी मुसलमानों को असम छोड़ने की धमकी:30 संगठनों ने 4 दिन का अल्टीमेटम दिया; CM हिमंता बोले- मियां भूमि नहीं बनने दूंगा

ऊपरी असम के 10 जिलों में मियां और मारवाड़ी समेत हिंदी भाषी बाहरियों के खिलाफ 30 संगठन सड़क पर हैं। वो घर-घर जाकर दस्तक दे रहे हैं और मियांओं को शनिवार तक असम छोड़ने की धमकी दे रहे हैं

वीर लचित सेना की इस मुहिम को 29 संगठनों का समर्थन है, इनमें स्थानीय मुस्लिम संगठन, ऊपरी असम मुस्लिम कल्याण परिषद, असम सम्मिलित मुस्लिम परिषद भी शामिल हैं। असम के CM हिमंता सरमा ने भी कहा है, ‘राज्य को मियां भूमि नहीं बनने दूंगा।’शिवसागर समेत सभी 10 जिलों में पुलिस ने सामुदायिक तनाव फैलाने वालों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है। इनके खिलाफ ऑपरेशन बॉन्ड शुरू किया गया है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 164 (1) के तहत नोटिस जारी हो रहे हैं। बीर लचित सेना, जातीय संग्रामी सेना, अखिल असम अनुसूचित जाति छात्र संस्था, ताई आहोम चरत्र समेत 27 संस्था प्रतिनिधियों को नोटिस मिल चुके हैं।30 जातीय संगठनों ने एक मुस्लिम कांग्रेसी विधायक अब्दुल रशीद मंडल के शिवसागर जिले में घुसने पर भी पाबंदी लगा दी है। संगठन CM के उस बयान के बाद सड़कों पर उतरे, जिसमें CM ने कहा था कि असम में लोकसभा चुनाव के बाद जिन क्षेत्रों में कांग्रेस ने अपना वोट शेयर बढ़ाया, वहां एक विशेष समुदाय को इतना साहस मिला कि वो अपना दबदबा बनाने के चक्कर में हैं और हिंदू महिलाओं पर अत्याचार इसी का परिणाम है।20 अगस्त को शिवसागर में दो मारवाड़ी युवकों को छेड़छाड़ के आरोप में पकड़ा गया था। स्थानीय लोग इन्हें बाहरी मानते हैं, इसलिए पूरे मारवाड़ी समाज से घुटनों के बल बैठकर माफी मंगवाई गई थी, लेकिन बाकी बाहरी समाज के लोग इससे नाराज हैं। उनका कहना है कि दो युवकों की हरकत के लिए पूरे समाज से माफी मंगवाना गलत है।

असम में बंगाली मूल के मुसलमानों के लिए अक्सर ‘मियां’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। वे मूल रूप से बांग्लादेश से आए थे। असम के मुख्यमंत्री अक्सर मियां समुदाय को सांप्रदायिक बताते रहे हैं।

साल 2021 में असम विधानसभा चुनाव से पहले सरमा ने एक कार्यक्रम में कहा था, मियां समुदाय असमिया संस्कृति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है। सरमा ने उन्हें बाहरी भी बताया था।

असम में नाबालिग लड़की से गैंगरेप के बाद गिरफ्तार एक आरोपी की तालाब में डूबने से मौत हो गई। मामला 22 अगस्त का है। नागांव जिले के ढींग में 10वीं की छात्रा से ट्यूशन जाते वक्त 3 लोगों ने रेप किया था। स्थानीय लोगों को लड़की सड़क किनारे बेहोशी की हालत में मिली थी।

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