Sunday, February 16, 2025

सरस्वती शिशु मंदिर शिक्षा संस्थान की अनोखी पहल, आप भी करें सहयोग.

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बलौदा/ जांजगीर चांपा.अगर आप सरस्वती शिशु मंदिर के छात्र हैं तो आप इस बात से बखूबी परिचित होंगे की यह संस्थान भारतीय संस्कृति और शिक्षा का एक अद्भुत संगम है, अगर आप यहां के छात्र नहीं भी होंगे तो शिशु मंदिर विद्यालय की परंपरा और शिक्षा पद्धति से आप भलीभांति परिचित होंगे.
यह विद्यालय हमेशा भारतीय परंपराओं और मूल्यों को केंद्र में रखकर छात्रों का सर्वांगीण विकास करने का प्रयास करता है, सरस्वती शिशु मंदिरों की शिक्षा पद्धति -भारतीय गौरवशाली इतिहास, संस्कार और आधुनिकीकरण का संतुलन बनाकर विद्यार्थियों को श्रेष्ठ नागरिक बनाने की ओर अग्रसर करती है, यहां छात्रों को शिक्षा देने वाले आचार्य सिर्फ एक शिक्षक नहीं बल्के छात्रों के प्रेरणाश्रोत, मार्गदर्शक भी होते हैं.

आज विद्यालय को आपकी आवश्यकता है-
सर्वव्यापी है कि सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों की भूमिका समाजसेवा मात्र है, यहां कार्यरत समस्त आचार्यगणों की भूमिका केवल और केवल छात्रों के भविष्य को बेहतर रास्तों पर लाना ही है, विद्यालय के आचार्यों से शिक्षा ग्रहण कर प्रदेश और देशभर के लगभग छात्र-छात्राएं अब समाज में प्रतिष्ठित हो चुके हैं, ऐसे में छात्रों की भी एक जिम्मेदारी है कि वे स्कूल की ओर लौटें और अपने आचार्यों, गुरुजनों का सहारा बनें. इसी महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़ की प्रेरणा से 01 जनवरी से 15 जनवरी 2025 तक प्रदेश व्यापी पूर्व छात्र संपर्क अभियान संचालित किया जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य सभी पूर्व छात्रों को एकजुट करना है, ताकि सभी के सहयोग से संस्थान और संस्थान में कार्यरत आचार्यों की मदद हो सके. इस पूर्व छात्र संपर्क अभियान का आधार 4 मुख्य बिंदुओं पर टीका हुआ है

1- आचार्य परिवार के पुत्र-पुत्रियों के लिए उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना विशिष्ट अवसरों (यथा पुत्री के विवाह तथा किसी गंभीर बीमारी के समय) पर क्राउड फंडिंग के माध्यम से आर्थिक सहयोग उपलब्घ करवाना.

2 – स्कूल शिक्षा के पश्चात हमारे भैया बहनों को स्वपोषित होने तक उच्च शिक्षा और रोजगार हेतु मार्गदर्शन और सहयोग उपलब्ध करवाना.

3- हमारे आचार्यों को आधुनिक आवश्यकता के अनुरूप क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण हेतु सहयोग करना सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रशिक्षण केंद्र विकसित करना सक्षम प्रशिक्षक उपलब्ध करवाना.

4- पूर्व छात्र परिषद के सचिवालय के संचालन हेतु व्यवस्थाएं करना इस हेतु निश्चित रुप से अर्थ की आवश्यकता होगी इस हेतु हम सभी पूर्व छात्र सहयोग प्रकोष्ठ के सदस्य बन प्रतिवर्ष सदस्यता शुल्क के रुप में 150 रुपये सहयोग का संकल्प लें यह विनम्र अपेक्षा है हमारे अल्प सहयोग से उसी प्रकार का एक बड़ा कार्य संपादित हो सकेगा जैसे उंगलियों पर गोवर्धन पर्वत को उठाया गया था.

सभी पूर्व छात्रों के इस अल्प सहयोग से संस्थान में सेवा दे रहे आचार्यों की काफी मदद होगी. इस अभियान में सभी पूर्व छात्र- छात्राएं व संस्थान के शुभचिंतकों से आग्रह है कि बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें.

कैसे कर सकते हैं सहयोग –

पूर्व छात्र प्रकोष्ठ का संचालन एक बेवसाइट के द्वारा होगा। वेब साईट का पता – http://cgsssalumni.org/ रहेगा.

इस पोर्टल पर प्रत्येक पूर्व छात्र एवं शुभ चिंतक ( विद्यालय समिति के सदस्य, पदाधिकारी
वर्तमान एवं पूर्व आचार्य, वर्तमान एवं पूर्व पालक, पूर्व छात्रों के परिजन, मित्र आदि ) अपना
पंजीयन करायेंगे.

वेबसाइट पर पंजीयन करने हेतु QR को स्कैन करें अथवा http://cgsssalumni.org/ पर जाकर अपना पंजीयन करें.

वेबसाइट खुलने पर पंजीयन लिंक पर क्लीक करें। निर्धारित प्रपत्र में अपनी जानकारी भर
पंजीयन करें

पंजीयन पश्चात्‌ नया पेज खुलेगा जहाँ से वार्षिक सदस्यता शुल्क 150./-रूपये (एक सौ पचास मात्र) का ई-भुगतान करें. आप यथा शक्ति ज्यादा का भी कर सकते हैं.

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