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बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में मंगलवार को राजीव भवन में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में रमन सरकार के दौरान बंद किए गए स्कूलों को शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि बस्तर के बीजापुर , सुकमा और दंतेवाड़ा जिले में कांग्रेस ने सड़कों का जाल बिछाया। इंद्रावती नदी में दो बड़े पुलों का निर्माण भी कांग्रेस सरकार के दौरान करवाया गया और आवागमन को बस्तर में बेहतर बनाया ।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके शासन में। मलेरिया मुक्त बस्तर का अभियान भी चलाया। बड़ी संख्या लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया , हाट बाजार क्लिनिक योजना चलाई।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों के पूजा स्थलों का निर्माण करवाया , घोटूल का भी निर्माण करवाया । बैगा गुनिया को मानदेय दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा कि उनके कार्यकाल में 600 गांवों को नक्सल मुक्त करवाया गया। इस दौरान नक्सलियों की भर्ती में भारी कमी आई थी ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में ही पहली बार नक्सलियों को घेर के मारने की रणनीति पर अभियान चलाया गया था।
उन्होंने प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि गृहमंत्री के रूप में वह पूरी तरह विफल हैं , केवल सुरक्षाबलों के साहस का श्रेय लेने बस्तर आकर वीडियो बनाते रहते हैं । जबकि उनका गृह जिला कवर्धा उनसे सम्हल नहीं रहा है ।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे है मगर एक फूटी कौड़ी छत्तीसगढ़ को नहीं दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अब नक्सली अंदर से बाहर आ रहे हैं और व्यापारी तथा उद्योगपति अंदर जा रहे हैं उनकी निगाह बस्तर के आदिवासियों के जंगल ,जमीन और वन संपदा है।
भूपेश बघेल ने SIR पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बस्तर के नारायणपुर,सुकमा , बीजापुर और दंतेवाड़ा में जनगणना कार्य नहीं हो पाया था ऐसे में वहां के लोग SIR में जरूरी दस्तावेज कैसे दे पायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा बस्तर में SIR से बड़ी संख्या में महिलाओं के नाम को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश सरकार कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झीरम हमले की SIT जांच पर कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान इस नक्सली हमले की SIT जांच करवाने का प्रयास किया परंतु NIA उच्च न्यायालय पहुंच गई जहां पर राज्य सरकार की हार हुई ।पर कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जबतक उसका निर्णय आया कांग्रेस की सरकार जा चुकी थी और ये विष्णुदेव साय की सरकार ने अब तक कोई जांच नहीं करवाई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नहीं चला रहे हैं बल्कि गुजरात से 3 लोग छत्तीसगढ़ में आए हुए हैं वहीं लोग सरकार का हिसाब किताब रखते हैं ।

