सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक पत्र का जिक्र किया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने को कहा है। केंद्रीय एजेंसी का भी दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई खामियां पाई गई हैं। मसलन चोट के निशान की वीडियोग्राफी स्पष्ट नहीं है। इससे लगता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ छिपाने की कोशिश की गई है।
- CBI का दावा- थाने में गलत तथ्य गढ़े गए
- पूर्व प्रिंसिपल व पूर्व थाना प्रभारी ने खोले राज
आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को सियालदह कोर्ट में दावा किया कि घटना से जुड़े कुछ तथ्यों को स्थानीय टाला थाने में बदला गया है। उन्हें नष्ट करने की कोशिश की गई है। इतना ही नहीं थाने में कुछ गलत तथ्य गढ़े गए हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत में दावा किया कि यह जानकारी आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल से हिरासत में पूछताछ के दौरान उनके हाथ लगी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) और हार्ड डिस्क के साथ टाला थाने के सीसीटीवी फुटेज को भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। एक-दो दिन में जानकारी आ जाएगी।